NEWSPR DESK: मोदी बिकने को तैयार है. लेकिन परिवार वाले लक्की मानते हैं. इसलिए नहीं बेचना चाहते हैं. परिवार वाले भी मानते हैं कि ‘मोदी’ ऐरे गैरे नस्लों का नहीं है. एक खास नस्ल का है. जिसका केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी मांग ज्यादा है. लोग इस मोदी के दीवाने हैं. अच्छी गुणवत्ता वाले मांस के लिए प्रसिद्ध ‘मेडगयाल’ नस्ल के एक भेड़ को महाराष्ट्र के सांगली जिले में 70 लाख रुपये में खरीदने की पेशकश हुई.
लेकिन भेड़ के मालिक ने इसे बेचने से इंकार कर दिया और इसकी कीमत 1.5 करोड़ रुपये रख दी. भेड़ के मालिक मेटकरी ने कहा कि इस भेड़ का असली नाम सरजा है. लोग इसकी तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करने लगे इसलिए इसका नाम ‘मोदी’ पड़ गया. लोगों का कहना है कि जिस तरह से मोदी सभी चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनें, उसी तरह से सरजा को जिस भी मेले या बाजार में ले जाया गया, वहां इसका जलवा रहा. उन्होंने आगे कहा कि सरजा उनके और उनके परिवार के लिए ‘शुभ’ है इसलिए वह इसे बेचना नहीं चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने 70 लाख रुपये की पेशकश करनेवाले खरीदार को इसे बेचने से इनकार कर दिया लेकिन जब वह जोर देने लगा तो मैंने इसकी कीमत 1.50 करोड़ रुपये बताई क्योंकि मैं जानता हूं कि भेड़ के लिए कोई इतनी बड़ी राशि खर्च नहीं करेगा.