बिहार में बीते दो दिनों से धीमी पड़ी बारिश की रफ्तार अब फिर तेज़ होने वाली है। राज्य में मॉनसून की वापसी ने मौसम का मिजाज बदल दिया है। आसमान में घने बादलों की मौजूदगी और तापमान में हल्की गिरावट ने जहां लोगों को कुछ राहत दी, वहीं आने वाले 24 घंटे एक बार फिर चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। बिहार मौसम सेवा केंद्र ने राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश, तेज हवाओं और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका जताई है।
मौसम विभाग ने उत्तर और पूर्व बिहार के कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिनमें सुपौल, अररिया, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया और कटिहार शामिल हैं। इन जिलों में मूसलाधार बारिश के साथ ठनका गिरने की प्रबल संभावना है। इसके साथ ही पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर और खगड़िया में भी तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) और मध्यम से भारी वर्षा के आसार हैं, जिनके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राजधानी पटना सहित गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और अरवल जैसे जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन इनके लिए फिलहाल कोई विशेष चेतावनी नहीं दी गई है। वहीं, बीती रात से समस्तीपुर, बेगूसराय, नालंदा, पूर्णिया, सीवान, पटना, जहानाबाद और भोजपुर में रुक-रुक कर बारिश होती रही है।
झारखंड से सटे क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा का असर बिहार पर भी दिख रहा है। नवादा जिले में स्थित प्रसिद्ध ककोलत जलप्रपात में झारखंड की ओर से आ रहे पानी के कारण सैलाब जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे आसपास का क्षेत्र जलमग्न हो गया है।
दुखद पहलू यह है कि राज्य में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि सात अन्य घायल हुए हैं। इसको लेकर बिहार मौसम सेवा केंद्र के निदेशक डॉ. सीएन प्रभु ने जनता से सतर्क रहने की अपील की है।
उन्होंने खासकर किसानों, मजदूरों और खुले क्षेत्रों में कार्यरत लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। डॉ. प्रभु ने कहा कि मानसून की इस तेज़ वापसी के साथ प्रशासन और आम जनता दोनों को पूरी सतर्कता बरतनी होगी, ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके।