NEWSPR/DESK : महिलाओं को हमेशा से देवी की मूरत कहा जाता है, क्योंकि उनमें पुरुषों के मुकाबले दूसरों के प्रति के प्रेम और दया की भावना ज़्यादा होती है। प्रेम दया और ममता के साथ साथ महिलाएं अब शिक्षा में भी पुरुषो को पीछे छोड़ रही हैं। भारत सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक स्कूलों में दाखिला लेने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले ज्यादा है। अच्छी बात यह है कि बाकी वर्गों की तरह ही मुस्लिम वर्ग, ओबीसी वर्ग और यहां तक कि अल्पसंखयक वर्ग तीनो में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में अधिक है।
ओबीसी में लड़कियों की भागीदारी अधिक झारखंड में ओबीसी बच्चों के नामांकन की दर राष्ट्रीय औसत से कुछ फीसदी अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर नामांकन दर 44.83 फीसदी है। राज्य स्तर पर झारखण्ड में नामंकन 46.93 फीसदी है। ओबीसी वर्ग में लड़कियों का नामांकन दर में भागीदारी लड़कों से अधिक है। ओबीसी वर्ग में लड़कों के नामांकन का प्रतिशत 46.33 और लड़कियों के नामांकन का प्रतिशत 47.54 है।
मुस्लिम लड़कियां भी शिक्षा में आगे आईंरिपोर्ट के मुताबिक़ स्कूलों में पढ़ने वाले कुल विद्यार्थियों में 12.67% मुस्लिम बच्चे नामांकित हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम बच्चों का नामकन प्रतिशत राज्य के तुलना में अधिक है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के जारी रिपोर्ट के मुताबिक़ राष्ट्रीय स्तर पर कक्षा एक से बारह तक में मुस्लिम विद्यार्थियों के नामांकन का प्रतिशत 13.95 है और झारखंड में 12.67 है। विद्यालय में पढ़ने वाले कुल लड़कों में से 12.09% मुस्लिम लड़के व कुल नामांकित लड़कियों में से 13.26 फीसदी लड़कियां हैं। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में सभी राज्यों के स्कूली शिक्षा से संबंधित रिपोर्ट की जानकारी दी गयी है।
अल्पसंख्यक लड़कियां भी सूची में आगेराष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों में कुल 17.63 फीसदी अल्पसंख्यक बच्चे हैं। झारखंड में स्कूल में नामांकित 15.67 फीसदी बच्चे अल्पसंख्यक वर्ग के हैं। अल्पसंख्यक बच्चों में 15.06 फीसदी लड़के व 16.03 फीसदी लड़कियां हैं। यानी अल्पसंखयकों में भी लड़कियों ने ही बाजी मारी है।
नामांकन का तुलनात्मक अध्ययनराष्ट्रीय स्तर पर नामांकन की स्थिति की स्थिति की बात की जाए तो प्राथमिक कक्षा में 14.48 फीसदी लड़के तो वहीं 15.27 फीसदी लड़कियां नामांकित हैं। माध्यमिक शिक्षा में लड़के 11.33 फीसदी नामांकित हैं तो वहीं लड़कियों का आंकड़ा 13.29 फीसदी है। उच्चतर माध्यमिक कक्षा में 09.15 फीसदी लड़कों ने तो वहीं 10.67 फीसदी लड़कियां नामांकित हैं।
केवल झारखंड की बात की जाए तो प्राथमिक कक्षा में लड़कों का आंकड़ा 12.87 फीसदी है वहीं लड़कियों का 13.86 फीसदी। माध्यमिक कक्षा में लड़के 09.07 फीसदी है वहीं लड़कियां 11.79 फीसदी। उच्चतर माध्यमिक कक्षा में 08.51 फीसदी है वहीं लड़कियां 10.53 फीसदी। कुल नामांकन के मामले में लड़के 12.09 फीसदी है वहीं लड़कियां 13.26 फीसदी। लड़कियों की बढ़ती संख्या सुखद संकेत दे रही है।