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बेहोशी की हालत में बच्चे को जन्म देती थीं माएं, इधर गिरोह ताक में रहता था…उसके बाद होता था बड़ा खेल

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NEWSPR डेस्क। बिहार के औरंगाबाद में नवजात शिशुओं की चोरी करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह का खुलासा डोभी थाना पुलिस ने रफीगंज पुलिस के सहयोग से किया है। मामले में पुलिस ने दो डॉक्टर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में रफीगंज के कासमा रोड के चाइल्ड हॉस्पिटल का संचालक डॉ. रणविजय कुमार, उसके दो सहयोगी रंधीर कुमार, सुधा कुमारी शामिल हैं। इसके अलावा डोभी थाना के वकीलगंज स्थित एक निजी क्लीनिक का संचालक डॉ. श्रवण कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

आंख बंद बच्चा गायब
डोभी थानाध्यक्ष ने बताया कि एक प्रसूता ने शिकायत की थी। उन्होंने अस्पताल में दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। शिकायत में महिला ने बताया था कि बच्चा जन्म देने के बाद वो बेहोश हो गई। जब होश आया, तो उसके बच्चे गायब थे। पूछने पर डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे को शीशे में बंद कर रखा गया है। बाद में आपको दिया जाएगा। उसके बाद महिला ने आरोप लगाया कि उन्होंने बच्चा बार-बार मांगने पर नहीं दिया और बच्चों को बंधक बनाकर पैसे की मांग करने लगे।

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पुलिस ने शुरू की जांच
पुलिस ने महिला की शिकायत पर पुलिस ने क्लीनिक के संचालक डॉ. श्रवण कुमार को गिरफ्तार कर लिया। डॉक्टर ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि दोनों बच्चों को रफीगंज के कासमा रोड में डॉ. रणविजय कुमार के चाईल्ड हॉस्पिटल में रखा है। डॉ. श्रवण की निशानदेही पर डोभी थाना ने रफीगंज पुलिस के सहयोग से कासमा रोड स्थित चाइल्ड हॉस्पिटल में छापेमारी की। छापेमारी में डोभी के निजी क्लीनिक से गायब हुए जुड़वां बच्चें नहीं मिले।

बच्चे को बेचने की आशंका
पुलिस ने इस मामले में चारों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस को आशंका है कि ये गिरोह नवजात शिशुओं की चोरी कर उन्हें बेच देता है। पुलिस पता लगाने में जुटी है कि आखिर नवजात बच्चों को निःसंतान जोड़ों को बेच देने का मामला कितना सही है। वहीं आशंका जताई जा रही है कि इस खेल में बड़े लोग भी शामिल हैं। इसमें बड़े अस्पतालों के कई डॉक्टरों की मिलीभगत बताई जा रही है। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है और आरोपियों से पूछताछ कर रही है। वहीं, गायब बच्चों के परिजनों का मानना है कि उनके बच्चों को भी कहीं इनलोगों ने दूसरे के हाथों बेच तो नहीं दिया है?

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