NEWSPR डेस्क। भाई बहन के अटूट प्रेम का महान पर्व भैया दूज आज पूरे देश मे हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है । अपने भाइयों की लंबी उम्र व दीर्घायु होने की कामना करने के लिए महिलाएँ बड़े ही धूमधाम से इस पर्व को मानती है । पूरे देश की महिलाएं, लड़कियां, बच्चियां सभी वर्ग की महिलाऐं अपने भाइयों के लिए इस पर्व को मकनाती है और अपने अपने भाइयों के लिए भगवान भास्कर से आशीर्वाद मांगती है । ये देश का ऐसा पहला पर्व है जहां महिलाएं पहले अपने भाइयों को श्रापित करती हैं, उन्हें बददुआएं देती है फिर पूजा करती है। अपनी गलती का एहसास होने पर रेंगनी के कांटों से अपने आप को लहूलुहान कर भगवान से माफी मानती है और उसके बाद ईश्वर से अपने अपने भाइयों की लंबी उम्र की दुआएं करती है ।
पारंपरिक लोक गीतों के माध्यम से बहने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करने के बाद उन्हें बजरी खिलाती हैं। नारियल व मिठाई देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती है और भाई इस पावन पर्व पर अपनी अपनी बहनों को अपनी शक्ति के अनुरूप उपहार व पैसे डटकर उन्हें खुश करते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं । प्राचीन मान्यताओं पर आधारित ये महापर्व महाभारत काल से ही चली आ रही है और आज भी ये महापर्व हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। सुबह से ही मोतिहारि की महिलाएं अपने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के लिए पूजा पाठ कर रही हैं। रुई के बंधन से अपने भाई की कलाई को मजबूत करती है और नारियल व मिठाई व बाजरी। गोबर व अन्य पूजन सामग्रियों के साथ पूजा पाठ करती हैं। फिर पारंपरिक लोक गीतों के माध्यम से अपने अपने भाइयों को पहले श्रापित करती है और फिर उसके बाद अपनी गलती का एहसास होने पर रेंगनी के कांटो को अपने जीभ को लहूलुहान कर गलती की माफी मांगने के बाद अपने अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती है और उसके बाद बाजरी, नारियल व मिठाई खिलाकर अपने अपने भाइयों को आशीर्वाद देती है ।
मोतिहारी से धर्मेन्द्र कुमार की रिपोर्ट…