मुंगेर के मछली बाजार को अब आंध्रा कि मछलियों पर नहीं रहना होगा आश्रित,मत्स्य विभाग ने कर ली तैयारी

Patna Desk

NEWSPR DESK-मुंगेर में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग(मत्स्य) मुंगेर के मछली बाजार को अब आंध्रा कि मछलियों पर आश्रित नहीं रहने के लिए मत्स्य विभाग द्वारा बाजार को ताजी मछली उपलब्ध कराने के साथ ही बेरोजगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए केज कल्चर को बढ़ावा दे रहा है, जिससे मत्स्य पालक मात्र 4 से 5 माह के मत्स्य पालन पर 35 से 40 प्रतिशत का मुनाफा कमा पाएंगे, मत्स्य पालक साथ ही 4 से 5 लोगों को जीविका भी उपलब्ध करा पाएंगे।मत्स्य विभाग द्वारा जिला मुख्यालय से 45 से 50 किलोमीटर दूर स्थित हवेली खड़गपुर के झील में मत्स्य पालन के लिए 17 केज लगवाए गए है जिसमे मत्स्य पालक चंदन कुमार के द्वारा पैंगस मछली का पालन किया जा रहा है।इस मामले में मत्स्य पालक चंदन कुमार ने बताया कि इस योजना को नदी,जलाशय या झील में लगाया जाता है।इस योजना को छत्तीसगढ़ कि एजेंसी द्वारा लगवाया है जिसपर 51 लाख रुपये का लागत आया है जिसके लिए सरकार द्वारा लागत के 70% का अनुदान मिला है बांकी का 30% नगद उसने लगाया है।

केज कल्चर योजना के बारे मे जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष रस्तोगी ने बताया कि फरबरी माह में अंगुलिक साइज कि पैंगस मछली के बच्चों को केज में डाला जाता है जो जून-जुलाई तक 7सौ से 8सौ ग्राम के हो जाते है और बाजार में बिकने के लिए जाने लायक हो जाते है, उन्होंने आगे बताया कि इस योजना से न सिर्फ मत्स्य पालक को मुनाफा होता है बल्कि इससे 4-5 अन्य लोगों को भी रोजगार मिल जाता है और तो बाजार को ताजी मछली मिल जाती है,इतनाही नहीं इस योजना से (केज में) मत्स्य पालक साल में दो बार मत्स्य पालन कर सकते है।
बाइट:-मनीष रस्तोगी जिला मत्स्य पदाधिकारी मुंगेर

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