हत्या..लूट..डकैती..बदहाली, महागठबंधन सरकार के 100 दिन, लॉ एंड ऑर्डर को लेकर नीतीश पर हमला

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पटना ‘महागठबंधन सरकार के 100 दिन, मुख्यमंत्री के 17 वर्ष, बिहार बना बदहाल, हत्या, डकैती और लूट में भारी इजाफा, मुख्यमंत्री करें जर्जर कानून-व्यवस्था की समीक्षा, अपराध पर श्वेत पत्र जारी करें नीतीश कुमार।’ ये बातें बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा ने कही है। उन्होंने महागठबंधन सरकार पर ये आरोप लगाया कि अगस्त में राष्ट्रीय जनता दल के सत्ता में आने के बाद से ही अपराधियों के मनोबल सातवें आसमान पर हैं।

‘अगस्त में ही हुई 250 से अधिक लोगों की हत्या’
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने के बाद से बिहार में हत्या, डकैती, लूट और अन्य अपराधिक घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। महागठबंधन सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ये सरकार जनादेश के विरुद्ध पिछले दरवाजे से आई है। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अकेले अगस्त में 257 लोगों की जान गई। अगस्त के महीने में ही लूट, डकैती, चोरी और अपरहण की 5000 से अधिक घटनाएं हुईं हैं।

‘100 दिनों में अप्रत्याशित ढंग से बढ़ा अपराध’
विजय कुमार सिन्हा की मानें तो ये आंकड़ा अगस्त से अब तक 1000 से ऊपर चला गया है। उन्होंने कहा कि जनता से बातचीत करने के बाद ये पता चला। राज्य के सभी जिलों में हुई हत्या, गोली के शिकार लोगों और समाचार पत्रों में छपी खबरों का संज्ञान लिया गया है। पटना अब लूट की राजधानी बन चुका है। यहां 17 करोड़ से अधिक का सोना लूटा जा चुका है। राज्य का गृह विभाग 17 वर्षो से मुख्यमंत्री के जिम्मे है। उन्होंने नीतीश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपराध की बहुत घटनाएं थानों में दर्ज नहीं की जाती है। अगर इन सभी को सूचीबद्ध किया जाय तो आंकड़ा बहुत बढ़ जाएगा।

‘साढ़े तीन लाख से अधिक मामले जांच के लिए लंबित’
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य सरकार अपराध रोकने में विफल हो चुकी है। अपराध रोकने के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। साढ़े तीन लाख से अधिक मामले अनुसंधान के लिए पुलिस के स्तर पर लंबित है। विजय सिन्हा ने नीतीश कुमार के तीन महीने में अनुसंधान कार्य पूरा करने के निर्देश पर तंज कसा। विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में भ्रष्ट पदाधिकारियों को संरक्षण और ईमानदार पदाधिकारियों की उपेक्षा के कारण उनका मनोबल गिर गया है।

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