मुजफ्फरपुर और पूरे तिरहुत क्षेत्र के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने यहां हवाई अड्डे के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसका मतलब है कि मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट का सपना अब हकीकत बनने के करीब है।निविदा प्रक्रिया के तहत कंपनियां शनिवार से टेंडर डॉक्यूमेंट डाउनलोड कर सकती हैं। प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर 2025 तय की गई है, जबकि पहली बिड 21 नवंबर को और फाइनल बिड 5 दिसंबर को खोली जाएगी। इससे पहले 27 अक्टूबर को दिल्ली में प्री-बिड मीटिंग आयोजित की जाएगी, जहां परियोजना से जुड़ी तकनीकी जानकारियों पर चर्चा होगी।योजना के अनुसार, मुजफ्फरपुर एयरपोर्ट पर 1050 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा रनवे तैयार किया जाएगा। साथ ही दो विमानों के लिए एप्रन और करीब 1250 वर्गमीटर क्षेत्र में एक आधुनिक टर्मिनल भवन बनाया जाएगा। टर्मिनल का निर्माण प्री-फैब्रिकेटेड स्टील स्ट्रक्चर से किया जाएगा, जिससे निर्माण तेजी से पूरा किया जा सकेगा।
इसके अलावा, पताही एयरपोर्ट के विस्तृत मास्टर प्लान में बड़े विमानों की लैंडिंग की सुविधा का भी प्रावधान है। इसके लिए अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे चलाई जाएगी।यह परियोजना उत्तर बिहार के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। इससे न केवल मुजफ्फरपुर, बल्कि पूरे तिरहुत क्षेत्र को देश के प्रमुख शहरों से सीधी हवाई कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही व्यापार, उद्योग, कृषि और पर्यटन को भी नई रफ्तार मिलेगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और किसानों को अपने उत्पादों के लिए राष्ट्रीय बाजार तक पहुंच आसान होगी।बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस खबर की पुष्टि करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला तिरहुत के करोड़ों लोगों के सपनों को साकार करेगा — “अब बिहार का आसमान और ऊंचा होगा, और तिरहुत की उड़ान नई ऊंचाइयों को छुएगी।”दरभंगा, गया और पटना के बाद अब मुजफ्फरपुर भी बिहार के हवाई नक्शे पर अपनी जगह बनाने जा रहा है। यह कदम न सिर्फ राज्य में क्षेत्रीय संतुलन लाएगा, बल्कि उत्तर बिहार के समग्र विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जाएगी।