NEWSPR डेस्क। शिक्षा विभाग के मंत्रालयिक एवं सहायक कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा करने को लेकर शुक्रवार को राजस्थान शिक्षा विभागीय सयुंक्त कर्मचारी संघ द्वारा शिक्षा मंत्री के नाम का ज्ञापन अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रतिभा देवठिया को सौंपा गया।
संगठन के जिला अध्यक्ष ओम सैन की अगुवाई में सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि शिक्षा विभाग के लगभग 60000 ग़ैर शेक्षिक संवर्ग की लंबे समय से उपेक्षा के साथ साथ इनके वाजिब हकों पर भी कुठाराघात किया जा रहा। मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा बजट सत्र में मंत्रालयिक संवर्ग के कैडर अनुसार उच्च पदों के पुनर्गठन की घोषणा की गई लेकिन शिक्षा विभाग में आज तक वित्त विभाग के मंदण्डदानुसार पदों का पुनर्गठन नहीं हुआ। जिससे उक्त संवर्ग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
ज्ञापन में शिक्षा मंत्री द्वारा विधानसभा में की गई शिक्षा विभाग में स्टॉफिंग पैटर्न लागू करने की घोषणा में सहायक एवं मंत्रालयिक संवर्ग को शामिल करने, छात्र संख्या अभिवृद्धि से बढ़े कार्य के उपरांत भी वर्ष 2017 में कार्यालयों के विकेन्द्रीकरण करने की प्रक्रिया में पीईईओ-2017, युसीईईओं-2020 विद्यालय की अवधारणा लागू की गई लेकिन इन नये कार्यालय के लिए पृथक से मंत्रालयिक संवर्ग दिये जाने की कार्रवाई नहीं हुई। जिसके कारण पीईईओ, युसीईईओ कार्यालयों के लिए पदस्वीकृत करने क्योंकि लगभग 50 प्रतिशत से अधिक पीईईओ विद्यालयों में मात्र एक ही लिपिक है।
जो कार्यालय एवं विद्यालय दोनों के काम कर रहे हैं। शासन ने शिक्षा विभाग के अधिनस्थ कार्यालयों के पुनर्गठन एवं सुदृढिकरण के नाम पर जारी 8 अगस्त 2018 के आदेश से उक्त संवर्ग को न सिर्फ हाशिये पर लाने के साथ अ आक्रोश भी पैदा किया इसलिए पुनर्गठन के उपरांत मुख्य पदों की स्थिति पर गौर फरमाने की मांग की गई है। इस दौरान संगठन के जिला अध्यक्ष ओमसैन, मंत्रालयिक सयुंक्त कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष इंद्रजीत शर्मा,प्रेम शर्मा, मदानलाल,अश्वनी कुमार,राजकमल, पृथ्वी,महेश,अंशु आदि मौजूद थे।
रूपेश कुमार की रिपोर्ट