NEWSPR डेस्क। नालंदा जिले के रहुई प्रखंड में किसानों की हालत धान की खरीदारी को लेकर दिन प्रतिदिन बद से बद्दतर होती जा रही है। वैसे तो पूरे जिले के किसान की हालत ठीक नहीं है। अगर वर्तमान की बात की जाए तो रहुई प्रखंड के 40 प्रतिशत किसानो की धान की क्रय नहीं होने से किसान काफी परेशान है। किसान धान उपजाने से लेकर बेचने तक परेशान है। किसानों ने बताया कि सरकार के अनुसार 60 फीसदी धान की खरीदारी पैक्स और व्यापार मंडल के माध्यम से पूरा कर लिया गया है। शेष 40 फीसदी किसान का धान की खरीदारी नहीं होने से प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है।
किसानों ने बताया कि उनके द्वारा धान उपजाने के बाद भी धान को खेत और खलिहान में ही रखा गया है। किसानों को अब धान खराब होने की चिंता सताने लगी है। रहुई के किसानो की स्थिति से खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अच्छे से अवगत है। किसानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि किसानों के दर्द को समझते हुए जो बचा हुआ धान है उसकी खरीदारी करके जान बचाने का काम करें। रहुई प्रखंड में धान की खरीदारी ज्यादातर बिचौलियों के माध्यम से किया गया है। जिससे 40 प्रतिशत किसान हाथ पर हाथ धरकर बैठे हुए है। किसानों ने कहा कि अगर सरकार उपजाए गए धान की अधिप्राप्ति नही करती हैं तो हमलोग आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे। किसानों ने 31 मार्च तक धान की अधिप्राप्ति करने का अनुरोध किया है।
नालंदा से ऋषिकेश की रिपोर्ट