पटना डेस्क : लोक जनशक्ति पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के दारोमदारगी को लेकर चाचा भतीजे के बीच हुए राजनीतिक लड़ाई का असर नालन्दा जिला में भी देखने को मिल रहा है। इसी को लेकर बिहार शरीफ रामचंद्रपुर स्थित लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जिला प्रवक्ता रामकेश्वर प्रसाद उर्फ पप्पू ने कहा कि पशुपति कुमार पारस केंद्रीय मंत्री बनने का इच्छा बरसों से पाले हुए थे। लगातार नीतीश कुमार के संपर्क में थे। इसी स्वार्थ में चाचा पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान के पीठ में खंजर भोंकने का काम किए हैं और आज अपने आप को संसदीय दल का नेता और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहे हैं। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना तो दूर जिलाध्यक्ष बनने की क्षमता उनमें नहीं है। कहीं ऐसा संभव है कि सिर्फ और सिर्फ पांच सांसद की रजामंदी से पूरी पार्टी धराशाई हो जाए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने का अधिकार राष्ट्रीय कमेटी के सदस्यों की है इसमें लगभग 75 सदस्य हैं और उन 75 सदस्यों में मात्र 9 सदस्य पारस खेमे में है। ऐसे में दूर-दूर तक संभव नहीं दिखाई देता है कि पशुपति पारस कभी राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर आसीन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय चिराग पासवान कल भी थे आज भी हैं और कल भी रहेंगे। चिराग पासवान हमेशा पार्टी और परिवार को साथ साथ लेकर चलने की पुरजोर कोशिश करते रहे हैं। पार्टी के नेता चिराग पासवान के पीछे पूरे पार्टी का संगठन, सभी जिलाध्यक्ष, छोटे और बड़े कार्यकर्ता हैं।