एक बड़ी खबर नालंदा जिले के थरथरी प्रखंड से आ रही है। यहां आस्ता पंचायत में मनरेगा के तहत होने वाले कार्य को अनलॉक होते ही फ़िर से शुरू कर दिया गया है। इससे बेरोजगार लोगों को मनरेगा योजना के तहत कार्य तो मिल गया, लेक़िन उस काम को लेकर कुछ नाबालिग बच्चे भी करते दिख रहे हैं। इस कार्य पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है । जिन बच्चों के हाथ में कलम और किताब होने चाहिए, उनके हाथों में फावड़े और कठौत है। मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्यो में बाल मजदूरी कराते हुए देखा जा रहा है।
बता दें कि अस्ता पंचायत के मुखिया द्वारा डीहा से लेकर अतवल चक गाँव तक अलंग की भराई का कार्य कराया जा रहा था, जिसमें करीब 70 मजदूर लगे हुए थे। इतना ही नहीं मुखिया द्वारा करीब एक दर्जन से अधिक बच्चों से मनरेगा योजना से काम कराते देखा जा सकता है। वहीं, इस मामले में केयर टेकर के अलावा मजदूरों का कहना है कि हमलगो बच्चों से मजदूरी नहीं करा रहे हैं। बच्चे बकरी चराने की काम कर रहे हैं।