नवादा में दर्जनों एम्बुलेंस में मरे-अधमरे लोग परिजनों के साथ 12 घण्टे फंसे रहे, हजारों गाड़ियों की लगी जाम में रोते-बिलखते रहे नौनिहाल

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। रजौली प्रखण्ड के चितरकोली पंचायत स्थित समेकित जांच चौकी पर लगने वाले प्रत्येक दिनों की भांति गुरुवार शाम से उत्पन्न महाजाम में दर्जनों एम्बुलेंस में रहे मरे व अधमरे लोग परिजनों के साथ 12 घण्टे से ज्यादा जाम में फंसे रहे। वहीं जाम के कारण हजारों यात्री वाहनों में नौनिहाल भूखे-प्यासे बच्चे रोते-बिखलते रहे। पूरे बिहार में अन्य राज्यों से लगे पांच समेकित जांच चौकी पोस्ट है। यह चेकपोस्ट समेकित जांच चौकी रजौली के अलावे कैमूर,डोभी,गोपालगंज व दालकोला में हैं। इन जगहों पर भी शराब जांच व परिवहन विभाग की जांच होती है। बावजूद रजौली जांच चौकी की तरह अन्य जगहों पर ऐसी महाजाम की स्थिति नहीं है। रजौली की जांच चौकी अब दिल्ली दूर वाली कहावत को चरितार्थ को सफल करने में लगी हुई है।जाम में फंसे लोगों का कहना है कि जितना समय पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में लग रही है। उतनी देर में लोग दिल्ली का आवागमन कर घर में आराम करेंगे। रजौली जांच चौकी के समीप शराब बंदी को सफल बनाने में लगे उत्पाद टीम वाहन जांच के नाम पर पहले से हीं जिंदा लोगों को प्रताड़ित करते रहे हैं।अब तो ऐंबुलेंस में रहे मुर्दों को भी 12 से 14 घंटे अपने अंतीम पड़ाव तक जाने में लग रहे हैं।इसे देखने वाले ना तो कोई वरीय पदाधिकारी हैं और ना हीं कोई जनप्रतिनिधि हैं।जबकि डीएम नवादा एवं उत्पाद विभाग के अपर सचिव के.के पाठक के पास सीसीटीवी कैमरे की फुटेज रिप्ले होती है।बावजूद ये लोग आम लोगों को किड़े मकौड़ो से ज्यादा नहीं समझ रहे हैं, यहां पर वाहन जांच करने वाले अधिकारी।गुरूवार की सुबह नेपाल के काठमांडू से झारखंड स्थित कोडरमा जिला ले जा रहे एंबुलेंस चालक पवन पटेल ने कहा कि जितना देर काठमांडू से जांच चौकी तक नहीं लगा उतना देर जांच चौकी से दीबौर तक जाने में लगी है।उसने बताया कि एंबुलेंस के ताबूत में रहे मृतक के शव को उसके घर पहुंचाने जा रहे हैं।बावजूद यहां के अधिकारी पदाधिकारी जाम हटाने की कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं और यह लोग जानबूझकर वाहन जांच के नाम पर आम लोगों को प्रताड़ित करते रहे हैं।

वहीं गुरुवार की शाम 6:00 बजे से फंसा हुआ दूसरा एंबुलेंस चालक खुर्शीद आलम जोकि बंगाल से शव लेकर वैशाली जा रहा था।वह शाम 6:00 बजे से अगले दिन शुक्रवार की सुबह 5:00 बजे तक शव के साथ रहे भूखे बिलखते परिजनों के साथ के गमगीन माहौल रहा।एंबुलेंस चालक ने बताया कि 6:00 बजे से लेकर जाम में फंसे हुए हैं।इसके बावजूद रात्रि 11:00 बजे के करीब जांच चौकी पर शव ले जा रहे परिजनों ने जांच चौकी के समीप मौजूद उत्पाद पुलिस से जाकर कहा कि एंबुलेंस में शव ले जा रहे हैं। कृपया रास्ता दें तो वहां पर रहे मौजूद उत्पाद पुलिस वाले ने कहा कि यह मेरा काम नहीं है।इसके लिए डीएम साहब को कॉल करो,तो साहब हम लोग बंगाल से आ रहे हैं।हमारे पास डीएम साहब का नंबर कहां है।बावजूद वे लोग डांट फटकार कर भगा दिए।सिर्फ इतना ही नहीं महाजाम में फंसे नालंदा जिले के बिहार शरीफ के रहने वाले हाईकोर्ट के अधिवक्ता रणधीर रंजन ने कहा कि संध्या 5:00 बजे के बाद से एक भी गाड़ी नहीं मिल रही है।दोनों तरफ से वाहन जाम हो गया है।जिसके कारण थक हार कर करीब 12:00 बजे परिवहन कार्यालय पहुंचकर आरटीओ से शिकायत की।उसने कहा कि हमारे साथ मरीज है, बावजूद हम लोग अपने निजी वाहन में फंसे हुए हैं। उसने मौजूद अधिकारी से रास्ता दिये जाने की मिन्नत के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी तो उसे रास्ता देने के लिए जांच छोड़कर चले गए।लेकिन उत्पाद विभाग भी धीमी जांच वाहनों की परिचालन को पुनः रोक दी।

उत्पाद विभाग के कोई भी स्थानीय पदाधिकारी वाहन जाम उत्पन्न होने में खुद को दोषी नहीं मानते हैं और ना ही वे लोग ट्रकों की जांच को लेकर दो से तीन लाइन बनाना चाहते हैं।जांच में तैनात उत्पाद विभाग के एसआई राजेश कुमार सिन्हा कहते हैं कि जब तक डीएम साहब आदेश नहीं करेंगे हम लोग दूसरी लाइनों में जांच नहीं कर सकते हैं।क्योंकि यहां सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है।जिसके समक्ष ही जांच किया जाना है।लोगों का कहना है कि क्या सरकार दो या तीन लेन सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा सकती है, या फिर स्केनर का प्रयोग क्यों नहीं करती है।अधिवक्ता ने कहा कि हम आम जनों को कीड़े मकोड़ों से ज्यादा यहां के अधिकारी नहीं समझ रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं इन दिनों लग्न का सीजन चल रहा है और झारखंड की ओर से आने वाली दूल्हे की गाड़ियां भी शुभ मुहूर्त समाप्ति के बाद अगले दिन निर्धारित मंडप के समीप पहुंच रहे हैं।जिससे उनकी शादी बगैर शुभ मुहूर्त के संपन्न हो रही है।रजौली जांच चौकी प्रत्येक दिन उत्पन्न भीषण जाम के कारण बिहार की ओर से कोई भी व्यक्ति झारखंड में न तो शादी करना चाह रहा ना बारात जाना चाह रहा है। वही हाल दूसरे राज्य झारखंड का भी है वहां से भी लोग बिहार आने में काफी संकोच कर रहे हैं या तो फिर वापस बैरंग जाम का नाम सुनते ही अपने घरों की ओर लौट जा रहे हैं।दूसरी राज्य की बात तो क्या कहें रजौली थाना क्षेत्र के चितरकोली पंचायत के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों का सम्पर्क टूट रहा है।ग्रामीणों की माने तो अनुमण्डल या प्रखण्ड कार्यालय में किसी भी काम के लिए सुबह घर से निकलने पर कार्यालय पहुंचते पहुंचते शाम हो जाती है।साथ ही कार्यालय से लौटते लौटते कभी आधी रात तो कभी पूरी रात भी गुजारना पड़ता है।

जाम में फंसे लोगों द्वारा जब वरीय पदाधिकारियों से दूरभाष के माध्यम से सम्पर्क करने पर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी व एएसआई निरंजन सिंह एवं बीएमपी बल 11 बजे जांच चौकी पर पहुंचे।लगभग ढाई से तीन घंटो तक कड़ी मशक्कत के बाद जाम पर थोड़ा-बहुत काबू पाया गया।परन्तु उत्पाद विभाग द्वारा जांच चौकी पर सिंगल लेन में हो रही धीमी जांच के कारण वाहनों की लंबी कतारें लगी रही।वहीं वाहनों के आगे निकलने के होड़ के कारण पुनः महाजाम की स्थिति उतपन्न हो गई।अंततः पुलिस भी थक-हार थाने लौट गई।वहीं वीवीआइपी लोगों के लिए पुलिस घण्टों मशक्कत करके किसी भी तरह से जाम की समस्या से निजात दिलाते हैं।बाकी आम जनता चाहे एंबुलेंस में मुर्दे हो या फिर मरीज हो 8 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए राम भरोसे छोड़ दिया जाता है। जांच चौकी के पार होने एवं अपने गंतव्य की शुरुआत करने की दूरी के इंतजार में 14 से 16 घण्टे जाम में भूखे-प्यासे पड़े रहते हैं।

नवादा से दिनेश कुमार की रिपोर्ट… 

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