घर के ट्रंक में छिपा रखा था बच्चे का शव, अपहरण कर दिया हत्या को अंजाम, पढ़िये पूरी घटना

Patna Desk

पटना डेस्क:

3 दिन बाद मिला लापता बच्चे का शव : नवादा में पुलिस ने 3 दिन बाद लापता बच्चे का शव बरामद किया। दरअसल एक बच्चे की लापता होने की खबर सामने आई थी, एक शख्स पर बच्चे को अगवा करने का आरोप लगा था। पुलिस आरोपी नीतीश चौरसिया के घर से शव बरामद किया है। लापता बच्चे के परिजन बच्चे की बारामदगी के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाया और सामाजिक लोगों की मदद ली । मीडिया में एक खबर मनखुश के लापता होने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आयी। रविवार को बच्चे का शव आरोपी के घर से बरामद किया । आरोपियों ने बच्चे की हत्या कर शव को घर के अंदर चावल रखने वाले ट्रंक में छुपा रखा था ।

आरोपी के घर में चावल से भरे ट्रंक में मिला : बताते चलें कि हिसुआ थाना क्षेत्र के ढेउरी ग्राम में विगत गुरुवार को अजीत चौरसिया के छ: वर्षीय पुत्र मंखुश कुमार को नीतीश चौरसिया ने अपहरण कर लिया था। उसी दिन नीतीश चौरसिया ने बच्चे को जान से मारकर अपने पत्नी के सहयोग से अपने घर मे ही छूपा दिया । परिजनों के अनुसार इस मामले में नीतीश के पड़ोसी उदय चौरसिया एवं उसके सभी परिवार, जितेंद्र चौरसिया एवं संतोष चौरसिया, सुलो चौरसिया इत्यादि लोगों ने मंखुश के हत्यारा को सहयोग कर रहा था । मंखुश के लाश नीतीश चौरसिया के घर मे रहे ट्रंक जिसमें चावल था, उसमें छुपा दिया था ।

पुलिस को परिजनों ने पहले ही दी थी जानकारी : जिस दिन मंखुश गायब हुआ था ,उसी दिन से मंखुश के पिता अजीत चौरसिया, चाचा चंदन चौरसिया एवं मंखुश की मां ने खोजबीन करना शुरू किया । जब मंखुश नहीं मिला तो शुरुआती दिन से ही अजीत चौरसिया तथा चंदन चौरसिया हिसुआ थाना में लिखित शिकायत दर्ज करने के बाद लगातार पुलिस से कहते रहा कि मंखुश की अपहरण में नीतीश चौरसिया का हाथ है । परिजनों ने कहा कि हिसुआ थाना प्रभारी आरके पटेल मंखुश के चाचा- चंदन को गाली- गलौज करके भगा दे रहे थे और उन्हें बोलते थे कि तुम देखे हो कि नीतीश ने हत्या किया है ।

पुलिस परिजनों को ही केस में फंसाने की दे रहा था धमकी : अब सवाल है कि पुलिस को जब चंदन चौरसिया बोलता था कि मेरे भतीजा को नीतीश ने छूपाया है। चंदन ने यह भी कहा कि पुलिस धमकी देता था कि तुमको ही उल्टा फसा देंगे । चंदन को पुलिस रविवार सुबह 3 बजे थानाध्यक्ष उठा ले गई । एक पीड़ित परिवार जो अपने मासूम के जिंदगी का भीख माँग रहे थे तो पुलिस लापरवाही कर रही थी । अगर पुलिस सीरियस लेती तो मंखुश आज जिंदा रहता । एक हँसता खेलता परिवार को समय से सहयोग नहीं मिला हिसुआ पुलिस का यह यह दुर्भाग्य है । आखिर जब जिले के समाचार पत्र में प्रकाशित होने के बाद पुलिस एक्शन में आई तब तक मंखुश जिंदा नहीं था । चंदन चौरसिया, अजीत चौरसिया, मीडिया से संपर्क कर मामला बताया ।

दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की मांग : इतना बड़ा मामला जिसे सुर्खियों में रहना चाहिए उसेपुलिस द्वारा दवाया गया और किसी भी मीडिया को इस घटना की खबर नहीं मिली । अजीत चौरसिया ने कहा कि इस मामले में हत्यारा नीतीश चौरसिया, तथा उसकी पत्नी के साथ उदय चौरसिया, जितेंद्र चौरसिया, संतोष चौरसिया ने मिलकर सहयोग कर रहे थे । अजीत चौरसिया ने जिला प्रशासन एवं सरकार से इन सभी दोषियों को लेकर फाँसी दिलाने की माँग की है । उन्होंने कहा थाना प्रभारी को बर्खास्त करने के लिए कोर्ट जाएंगे ।

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