शिक्षा का मंदिर बना जंग का मैदान, बच्चों की भविष्य निर्माता के बीच छिड़ी गालियों का जंग, नवादा के उर्दू प्राथमिक विद्यालय में बवाल

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। नवादा में धनार्जय नदी के किनारे चल रहे उर्दू प्राथमिक विद्यालय कुंडलापर में उस समय अफरातफरी का माहौल बन गया। जब शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाली स्कूल जंग का मैदान बन गई और बच्चों के भविष्य निर्माता आपस में भीड़ गए। इनके बीच गालियों का जंग शुरू हो गया। इस दौरान स्कूल के प्रधानाध्यापक व आसपास के ग्रामीण दर्शक बन प्रांगण में बनकर खड़े रहे।

बुधवार की सुबह उर्दू प्राथमिक विद्यालय कुंडला पर स्कूल खुलने के बाद हाजिरी काटे जाने को लेकर दो शिक्षिका आपस में भिड़ गई और गाली गलौज करने लगी। जिससे आसपास के मोहल्ले की दर्जनों महिला पुरुष उपस्थित होकर तमाशाई बने देखते रहे। जानकारी के अनुसार स्कूल के प्राध्यापक महफूज आलम बीते 13 नवंबर को तीन दिनों के लिए पंचायत चुनाव ड्यूटी में लगाए गए थे।

इस दौरान स्कूल का प्रभार वरीय शिक्षिका तबस्सुम गजाला को दिया गया। इसी बीच स्कूल में तैनात एक अन्य शिक्षिका साइमा प्रवीण स्थानीय होने का रौब दिखाकर स्कूल में उपस्थित नहीं हो रही थी। वह बगैर सूचना के स्कूल से गायब रह रही थी। जबकि स्कूल की हाजिरी पंजी का प्रत्येक दिन फोटो खींचकर उपस्थित या अनुपस्थित शिक्षकों की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी को व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा जाना रहता है।

बगैर सूचना के गायब रहने के कारण प्रभारी शिक्षिका तबस्सुम गजाला ने शिक्षिका साइमा प्रवीण की कॉलम में बगैर सूचना के गायब होने की बात स्पष्ट कर जिला शिक्षा पदाधिकारी के व्हाट्सएप पर तीन दिनों तक हाजिरी पंजी की फोटो भेजती रहीं। इसके बाद 16 नवंबर को चुनाव ड्यूटी खत्म कर स्कूल पहुंचे प्रधानाध्यापक महफूज आलम को इसकी जानकारी मिली। हालांकि 16 नवंबर को स्कूल में छुट्टी थी,हाजिरी में अनुपस्थित लिखे जाने के बाद 17 नवंबर की सुबह स्कूल खुलते हीं उक्त दोनों शिक्षिका के बीच जुबानी जंग एवं भद्दी भद्दी गालियां का दौर शुरू हो गई।

जिसे प्रधानाध्यापक एवं स्कूल के सचिव, अध्यक्ष तथा मोहल्ले के लोगों के द्वारा किसी तरह समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया गया। हालांकि इसी बीच शिक्षिका तबस्सुम गजाला ने मीडिया कर्मियों को सूचना देकर स्कूल बुला ली एवं घटना के बारे में जानकारी दी। शिक्षिका तबस्सुम गजाला ने कहा कि साइमा प्रवीण स्कूल में स्थानीय होने का रौब दिखाकर और ओछी राजनीति के साथ गाली गलौज करती रहती हैं।

वहीं इस तरह की घटना को लेकर स्कूल के पास खड़े लोगों ने कहा कि शिक्षा के मंदिर में जब शिक्षा के पुजारी ही आपस में गाली गलौज एवं मारपीट करेंगे तो बच्चों की भविष्य का क्या होगा। यह विषय सोचनीय है,विभाग इस पर निर्णय लें एवं दोषी शिक्षकों पर कार्रवाई करें। इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दिगंबर ठाकुर ने कहा कि हमें भी जानकारी मिली है इसलिए दोनों शिक्षिकाओं को इस स्कूल से ट्रांसफर कर दी जा रही है,यह लोग नहीं रहेंगे तो इस तरह का झगड़ा नहीं होगा।

नवादा से दिनेश कुमार की रिपोर्ट

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