पटनाः बिहार सरकार में कृषि एवं पशुपालन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने प्रमुख विपक्षी दल का बिना नाम लिए जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि एनडीए बिहार के लिए अहर्निश काम कर रहा है, जबकि विपक्ष आधारहीन आरोपों से ही काम चला रहा है। उन्होंने कहा कि आज से 15 साल पहले बिहार की स्थिति इतनी दयनीय थी कि बिहार का नाम अपमानित करने वाले अर्थ में इस्तेमाल होता था, जनता अपनी सरकार से ही त्रस्त थी और वह वक्त बिहार के लिए काला अध्याय था।
कृषि मंत्री ने कहा कि जब से बिहार में एनडीए की सरकार बनी है, स्थिति में काफी सुधार आया है। अब प्रगति और विकास की बात हो रही है, उसी को मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘आज जब बिहार कोरोना के प्रकोप से घिरा है तो विपक्ष घटिया राजनीति करने में मदहोश है, जबकि हमारी सरकार जमीनी स्तर पर काम कर रही है। हमने इस कोरोना काल में 23 लाख से अधिक राशन कार्ड बनवाए हैं एवं श्रमिकों को काम देने के लिए 11 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया। सिर्फ इतना ही नहीं कोरोना की लड़ाई में हमारी सरकार ने 8.5 हज़ार करोड़ रुपए अभी तक खर्च किए हैं। इसके साथ ही छह जिलों में स्पेशल प्लाज़्मा डोनर कोषांग का गठन किया जाएगा जिससे कोरोना मरीजों की जान बचाई जा सकती है।’
प्रेम कुमार ने कहा, ‘ हम कोविड-19 के संक्रमण काल में आधारभूत जल संचयन संरचनाओं के निर्माण में चाहते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा मजदूर और कामगारों को काम दे पाएं. यानी कृषि विभाग मानव कार्य दिवस सृजित करने का कार्य कर रही है। भूमि संरक्षण निदेशालय में मुख्य रूप से राज्य योजना के अंदर पक्का चेक डैम, सोक पीट, साद अवरोधक बांध, जल संचयन तालाब, शुष्क बागवानी , कृषि वानिकी के पौधारोपण और स्टैगर्ड कंटूर ट्रेंचेस का काम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत निजी बोरवेल और तालाब निर्माण एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की उप योजना पूर्वी भारत की हरित क्रांति योजना के तहत सामुदायिक सिंचाई कूप निर्माण का कार्य किया जाता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पर बेतुका आरोप मढ़ने वाले पहले यह बताएं कि बिहार को अपमान का पर्याय किसने बनाया? हाईकोर्ट ने जंगलराज किसको कहा था? आज जो लोग झूठ की खेती कर रहे हैं, वे पहले कत्लो-गारत में मशगूल थे, पर एनडीए सरकार के 15 वर्षों में एक भी जातीय हिंसा नहीं हुई है। प्राइवेट पार्टी के राजकुमार फेक न्यूज शेयर करने में एक्सपर्ट हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि अब तक 3 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि की पांचवी किस्त जा चुकी है। हमने राज्य में अप्रैल में बेमौसम की बारिश में बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दे दिया है, बीज से लेकर डीजल तक किसानों को हरेक मदद दी जा रही है।’