NEWSPR डेस्क। नई दिल्ली नजफगढ़ में रहने वाले पंकज सिंह के पास कुछ दिनों पहले एक कॉल आया। सामने वाले ने कहा कि पार्सल लेकर आया हूं, नीचे खड़ा हूं। पंकज थोड़ा हैरान हुए, उन्होंने तो कुछ मंगाया नहीं था। फिर भी वह नीचे गए। कूरियर डिलिवरी बॉय ने कहा कि ऑर्डर ‘पे ऑन डिलिवरी’ है, मतलब पेमेंट करना होगा। पंकज ने साफ मना कर दिया और कहा कि ऑर्डर कैंसिल करो। डिलिवरी बॉय ने कस्टमर केयर को फोन लगाया, फिर पंकज की बात कराई। कस्टमयर केयर वाले ने कहा कि ऑर्डर कैंसिल करने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा।
पंकज ने कॉल पर ही OTP बताया। फोन वापस डिलिवरी बॉय के हाथ में गया और कुछ सेकेंड में वह चलता बना। पंकज वापस अपने कमरे में पहुंचते, उससे पहले ही नोटिफिकेशन टोन बजी। बैंक से एक SMS आया था। खाते में जमा सारी रकम कहीं ट्रांसफर की जा चुकी थी। पंकज के होश उड़ गए। फौरन पर्स टटोला। ATM, डेबिट कार्ड सब था। फिर यह कैसे हुआ? पंकज जब पुलिस के पास पहुंचे तब उन्हें अहसास हुआ कि वे साइबर ठगी के नए तरीके का शिकार बने हैं।
पुलिस के अनुसार, शिकार के पते पर कूरियर के जरिए एक पार्सल भेजा जाता है जो उसने कभी ऑर्डर ही नहीं किया होता। जाहिर है कि वह ऑर्डर रिसीव करने से मना कर देगा। फिर डिलिवरी बॉय उस पार्सल भेजने वाले को फोन लगाएगा जिसका नंबर ‘कस्टमर केयर’ के रूप में लेबल पर दिया होगा। शिकार की फोन पर बात कराई जाएगी। उसे समझाया जाएगा कि अगर ऑर्डर उसने नहीं किया तो कैंसिल करा सकता है। बस इसके लिए मोबाइल पर आया OTP बताना होगा। पीछा छुड़ाने के लिए शिकार जल्दबाजी में OTP बता देता है और यहीं पर चूक हो जाती है। कॉल पर OTP मिलते ही दूसरी ओर बैठे ठग शिकार का बैंक खाता खाली कर देते हैं।
‘EMI पेंडिंग है…’ जरा इनसे भी बचके रहना
पिछले दिनों, दिल्ली के पालम विहार थाने का एसएचओ बनकर एक व्यक्ति को कॉल कर कहा गया कि तुमारी ईएमआई पेंडिंग है। इसकी शिकायत हमारे पास आई है। अपनी ईएमआई भर दो वरना तुम्हारे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर देंगे। फिर फर्जी एसएचओ ने एक वकील का नंबर देकर उससे बात करने को कहा। फिर खुद को वकील बताने वाले ठग ने दो ट्रांजेक्शन में 22 हजार 730 रुपये ट्रांसफर करा लिए।
लोन के नाम पर भी ठगी
आउटर नॉर्थ जिले की साइबर सेल ने इसी हफ्ते तीन जालसाजों को पकड़ा। आरोपियों की पहचान हिसार निवासी 22 वर्षीय दुष्यंत, 38 वर्षीय दीपक और फरीदाबाद निवासी 31 वर्षीय दीपक के रूप में हुई है। ये लोग द्वारका से सस्ते ब्याज पर लोन देने का रैकेट चला रहे थे। डीसीपी देवेश कुमार माहला के मुताबिक, पीड़ित ने शिकायत दी कि एक अनजान नंबर से मेसेज मिला।
लिखा था, ‘कम ब्याज दर के साथ 24 घंटे के भीतर 10 लाख तक का परेशानी मुक्त ऑनलाइन लोन पाएं’। पीड़ित झांसे में आ गया। नंबर पर संपर्क किया। ठगों ने करीब ढाई लाख रुपए ठग लिए। लेकिन लोन नहीं मिला। पूछताछ में अब तक 50 से अधिक लोगों से ठगी किए जाने की खुलासा हुआ है। आरोपी शिकार फसाने के लिए बाकायदा वेबसाइट चलाते थे। पुलिस ने 12 फोन और एक नोटबुक बरामद की है।