NEWSPR डेस्क। PMCH के नए नए कारनामे आपको सुनने को मिलते है ऐसा ही एक फिर नया कारनामा हुआ जहाँ सरकार कोविड की जांच को लेकर काफी गंभीर बनी हुई है। लेकिन PMCH में तो जांच के लिए आने वालों को शंकर परिक्रमा करनी पड़ रही है। एक जांच के लिए मरीजों को पूरा अस्पताल घूमना पड़ता है। कोविड जांच की व्यवस्था एक जगह नहीं की गई है, इससे जांच के लिए मरीज के परिजनों को 2 किलोमीटर चलना पड़ता है।
कोरोना जांच के लिए PMCH में व्यवस्था काफी जटिल है। मरीजों को पहले पर्ची कटाने के लिए भटकना पड़ता है। टाटा वार्ड के पास कोने में रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाया गया है। जिसे कोई देख भी नहीं पायेगा और ना यहां कोई साइन बोर्ड लगा है, जिससे मरीजों को काफी भटकने के बाद यहां पहुंच पाते हैं।
रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मरीजों को फ्लू नंबर लेना पड़ता है, इसके लिए भी मरीजों को काफी भटकना पड़ता है। फ्लू नंबर के लिए पटना मेडिकल कॉलेज में ART सेंटर के पास काउंटर बनाया गया है। किसी तरह भटक कर मरीज यहां से फ्लू नंबर ले लेता है तो अब सैम्पल का कलेक्शन कहां लिया जाएगा, इसके लिए भी परिक्रमा करना पड़ता है।
कोरोना जांच के लिए PMCH में कहीं कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है और ना ही कोई बताने वाला है। कोरोना की जांच का नाम सुनते ही गार्ड भी संबंधित मरीज से दूरी बना लेते हैं। रजिस्ट्रेशन कराने और फ्लू नंबर लेने के साथ मरीजों को सैम्पल देने तक में दो किमी पैदल भटकना पड़ता है।
सैम्पल के लिए पटना मेडिकल कॉलेज में दो काउंटर बनाए गए हैं। एक कैंटीन के पास और दूसरा NCC कार्यालय के पास। दोनों जगह न कोई बोर्ड लगा है और ना ही कोई संकेत है, जिससे मरीज आसानी से वहां पहुंच सकें।
अधिक्षक का तो कभी फोन बंद तो कभी फोन उठाते तक नहीं है
अगर PMCH के अधिक्षक विमल कारक कि बात की जाए तो उनका कारनामा भी निराला है. अगर कोई व्यक्ति फोन करता है तो ज्यादा तर उनका फोन बंद रहता है, और अगर उनका फोन खुला रहा तो फोन उठाने की जहमत तक नहीं करते ऐसे में सवाल ये उठता है की अगर कोई परेशानी या किसी प्रकार का हादसा हो जाए तो किसे फोन किया जाए.
प्रिंसिपल भी मरीजों की परेशानी पर गंभीर नहीं
इस संबंध में पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ विद्यापति चौधरी भी गंभीर नहीं हैं। उनका साफ़ तौर पर कहना है कि मरीज तो खुद से ही जांच केंद्र ढूंढ लेते हैं। साइन बोर्ड के सवाल पर उनका कहना है कि अब तो कोरोना का मामला पुराना हो गया है। सबको पता है कहां जांच होती है। व्यवस्था में सुधार के बजाए प्रिंसिपल का गैर जिम्मेदाराना बयान बड़ा सवाल खड़ा करता है।
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…