बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक अहम घोषणा की है। पहले, छात्रों को पोशाक और साइकिल योजना का लाभ उठाने के लिए 75% उपस्थिति की अनिवार्यता थी, लेकिन अब यह शर्त हटा दी गई है। अब विद्यार्थियों को कक्षा शुरू होते ही पोशाक और साइकिल योजना की राशि प्रदान की जाएगी। यह जानकारी शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने सोमवार को विधान सभा परिषद में दी।
उन्होंने विभागीय बजट पर चर्चा करते हुए बताया कि कक्षा 6 से 8 के 29 सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लगाए जाएंगे। इसके साथ ही, राज्य के सरकारी स्कूलों में एक करोड़ से अधिक विद्यार्थियों को मिड डे मील योजना के तहत पौष्टिक भोजन मिलेगा।
साइकिल और पोशाक योजना क्या है?
बिहार सरकार की साइकिल और पोशाक योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को स्कूल की यूनिफार्म और साइकिल खरीदने के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। विद्यार्थियों को उनकी कक्षा के अनुसार यह राशि प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस पहल से दूर-दराज के इलाकों के बच्चे भी अब स्कूल जाने लगे हैं, विशेषकर लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
राज्य में छह लाख से अधिक शिक्षक
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में छह लाख से अधिक शिक्षक हैं, जिनमें 44% महिलाएं शामिल हैं। यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि महिलाओं की साक्षरता दर में भारी वृद्धि हो रही है। 2001 में राज्य की कुल साक्षरता दर 40% थी, जो अब 80% तक पहुंच गई है। महिलाओं की साक्षरता दर में सबसे अधिक सुधार देखा गया है, जो 34% से बढ़कर 74% हो गई है।
शिक्षा विभाग का बढ़ता बजट
शिक्षा मंत्री ने बताया कि बिहार के शिक्षा विभाग का बजट पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ा है। 2005 में यह बजट 4,400 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है।