बिहार में औद्योगिक विकास की नई राह, दो नीतियां बनेंगी गेमचेंजर

Jyoti Sinha

बिहार सरकार राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगातार नई पहल कर रही है। इसी कड़ी में दो बड़ी नीतियां सामने आई हैं, जो औद्योगिक विकास को गति देने के साथ-साथ रोजगार सृजन में भी अहम साबित हो सकती हैं।

एग्जिट पॉलिसी-2025
इस पॉलिसी के तहत बंद पड़ी या अनुपयोगी औद्योगिक इकाइयों की जमीन वापस लेकर नए निवेशकों को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए उद्यमियों को उनकी जमा लीज राशि का कुछ हिस्सा लौटाया जाएगा।

  • अगर इकाई 1-3 साल तक बंद रही है, तो 15% धनवापसी होगी।
  • 5 साल से अधिक समय तक बंद रहने पर 20% तक की वापसी मिलेगी।
    इस नीति से अप्रयुक्त जमीन फिर से उपयोग में आएगी और नए उद्योगों को मौका मिलेगा।

बिहार इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पैकेज (BIIPP-2025)
दूसरी ओर, सरकार ने निवेश आकर्षित करने के लिए BIIPP-2025 को मंजूरी दी है।

  • 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली कंपनियों को 10 एकड़ तक जमीन मुफ्त दी जाएगी।
  • 1000 करोड़ से अधिक निवेश पर 25 एकड़ जमीन मुफ्त मिलेगी।
  • फॉर्च्युन 500 कंपनियों को सिर्फ 1 रुपये टोकन मनी पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

नए रोजगार के अवसर
इसी पहल के तहत आदित्य बिरला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड ने बेगूसराय में करीब 35 करोड़ के निवेश से अपैरल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का फैसला किया है। इससे सीधे तौर पर 750 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा, जिनमें अधिकांश महिलाएं होंगी।

छोटे निवेशकों को राहत
सरकार ने छोटे उद्योग लगाने वालों के लिए भी कई छूटों का ऐलान किया है।

  • BIADA की जमीन पर 50% छूट।
  • ब्याज सब्सिडी में 40 करोड़ तक की राहत।
  • SGST में 14 साल तक 100% छूट।
  • कैपिटल सब्सिडी में प्रोजेक्ट लागत का 30% तक फायदा।

टेक्सटाइल सेक्टर को बढ़ावा
इन नीतियों के लागू होने से बिहार में टेक्सटाइल सेक्टर को खासा फायदा होगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे राज्य निवेश का हब बनेगा और हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

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