NEWSPR डेस्क। आज भी ऐसे लोग है जो औलाद के लिए डॉक्टरों से लेकर मंदिर मंदिर माथा टेकते नजर आ रहे है वही ऐसे भी कलयुगी लोग है जो बिन माँगी औलाद को भगवान के सहारे छोड़ देते है धन्य है ऐसे माँ बाप जो पैदा होते ही दूध मुहि बच्ची को छोड़ दिया है कहते है की मां अपने आप को मार सकती है किंतु अपनी ममता को नहीं मार सकती.
किंतु आज की आधुनिक युग माताओं ने अपनी हवस पूर्ति के चक्कर में नवजात बच्ची के साथ अन्याय कर रहे हैं और मां की ममता को कलंकित कर रही है और ऐसे पैदा हुए बच्चों को सार्वजनिक मंचों पर छोड़ रही हैं ऐसा ही एक मामला नैनपुर से महज 10 किलोमीटर ग्राम रेवाड़ा में देखने को मिला जब भक्तों का पूजा पंडाल में आना चालू हुई थी रेवाड़ा ग्राम में एक नवजात बच्ची बोरी में लिपटी हुई पाई गई थी.
घटना की सूचना नैनपुर पुलिस थाने में दी गई उसके बाद थाना प्रभारीआर एम दुबे जी के निर्देशन में एक टीम भेजी गई जिसने बच्चे को सुरक्षित रूप में आशा कार्यकर्ताओं के साथ नैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया तात्कालिक रूप से डॉक्टर ने बच्ची को देखकर बताया की वह स्वस्थ है नवजात की बालिका के रूप में पहचान हुई.
घटना के बाद सोशल मीडिया में खबर का असर देखकर बच्ची को गोद लेने के लिए होड़ लग गई लगभग 80 से 90 मोबाईल बच्चे को गोद लेने से लिए आने लगे और फार्म कहा जमा करना है पूछा गया घटना के बाद बच्ची को उच्च स्तरीय जांच एवं सरकारी नियमों का हवाला देते हुए नैनपुर से मंडला जिला चिकित्सालय उसके बाद जबलपुर भेजा जाएगा एक नर्स और 2 पर्वेक्षक महिला बाल विकास के साथ 108 से बच्ची को मण्डला भेजा गया है.
नैनपुर सामुदायिक केंद्र में टी आई आर एम दुबे और सामाजिक कार्यकर्ताओ ने होस्पिटल स्टाफ के साथ बच्ची का जन्मदिन मनाया गया मिठाई वितरण की गई टीआई आर एम दुबे ने पंचाग के हिसाब