NEWSPR डेस्क। जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने संपूर्ण क्रांती के जनक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जय प्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जय प्रकाश नारायण एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उन्होंने बिहार और बिहार के नौजवानों में आजादी के प्रति जोश भरा था। वह गलत के खिलाफ हमेशा आवाज उठाते थे। मैदान में उनके द्वारा भरे गए हुंकार आज भी संपूर्ण भारतवासियों के कानों में गूंजते हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य को भारतवासी और संपूर्ण बिहारवासी हमेशा याद रखेंगे। संपूर्ण क्रांती के जनक जय प्रकाश नारायण सभी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
जय प्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर, 1902 को बिहार में सारन के सिताबदियारा में हुआ था। 1920 में जय प्रकाश का विवाह ‘प्रभा’ से हुआ। जिसने बाद में उन्हें गांधी से मिलने की सलाह दी थी। वहीं बाद में महात्मा गांधी और नेहरू से मिलने एवं आजादी की लड़ाई में भाग लेने पर उनके दृष्टिकोण में काफी बदलाव आया और देश को सही दिशा में ले जाने के लिए हुंकार भरनी शुरू कर दी। बाद में नेहरू के कहने पर जेपी कांग्रेस के साथ जुड़े। आजादी के बाद वह आचार्य विनोबाभा भावे से प्रभावित हुए और उनके ‘सर्वोदय आंदोलन’ से जुड़े। उन्होंने लंबे वक्त के लिए ग्रामीण भारत में इस आंदोलन को आगे बढ़ाया। उन्होंने आचार्य भावे के भूदान के आह्वान का पूरा समर्थन किया।
सन् 1950 के दशक में ‘राज्यव्यवस्था की पुनर्रचना’ नामक एक पुस्तक भी लिखी। उन्होंने बिहार और भारत में कई भाषण दिए जो आज भी लोगों को याद हैं। जयप्रकाश मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित हुए और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये 1998 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण को मरणोपरान्त भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया। जिसके बाद 8 अक्टूबर 1979 को पटना में उन्होंने अंतिम सांस ली।