NEWSPR डेस्क। भूदान आंदोलन के प्रणोता स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न विनोबा भावे की पुण्यतिथि पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि विनोबा भावे एक महान स्वतंत्रका सेनानी थे। जिन्होंने भूदान आंदोलन की शुरुआत की। उनके योगदान को भारतवासी हमेशा याद रखेंगे।
विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर, 1895 को गाहोदे, गुजरात में हुआ था। उन्होंने अपनी मां से ब्रह्मचर्य की महत्ता जब सुनी तो उन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए विवाह नहीं किया। अपना संपूर्ण जीवन स्वतंत्रता लाने के प्रयत्नों में लगा दिया। ‘गांधी आश्रम’ में शामिल होने के लिए 1916 में हाई स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। वहीं गांधी जी के अनुयायी होने के कारण विनोबा भावे ने हमेशा अहिंसा का रास्ता अपनाया।1979 में उनके एक आमरण अनशन के परिणामस्वरूप सरकार ने समूचे भारत में गो-हत्या पर निषेध लगाने हेतु क़ानून पारित करने का आश्वासन दिया।
आजादी के बाद उन्होंने भूदान दोलन की शुरुआत की। जिसमें भूदान यात्रा के दौरान ही 19 मई, 1960 को चंबल के खूंखार बागी डाकूओं का आत्मसमर्पण भी करा दिया। मानसिंह गिरोह के 19 डाकू विनोबा की शरण में आ गए थे। विनोबा भावे ने इमरजेंसी का भी समर्थन किया था। इसके अलावा उन्हें कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया। जिसके बाद नवंबर 1982 में जब उन्हें लगा की उनकी मृत्यु नजदीक है तो उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया जिसके परिणामस्वरुप 15 नवम्बर, 1982 को उनकी मृत्यु हो गई।