दिल्लीः अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान भारत के कोयला उत्पादन में 16.39 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है और उत्पादन 607.97 एमटी तक जा पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि वित्तवर्ष 2022 की समान अवधि के दौरान कोयला उत्पादन 522.34 एमटी था। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने वित्तवर्ष 2023 के दिसंबर तक 79.05 एमटी कोयला उत्पादन दर्ज किया, जबकि वित्तवर्ष 2022 की समानावधि के दौरान 413.63 एमटी कोयला उत्पादन हुआ। इस तरह इस बार इसमें 15.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
कोयला मंत्रालय ने कंपनियों के स्वामित्व वाले कोयला ब्लॉकों की खनन क्षमताओं का इस्तेमाल बढ़ाने को ध्यान में रखते हुये बाजार में अतरिक्त कोयला जारी करने का रास्ता खोल दिया है, जिसके कारण अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान खान स्वामित्व वाली कंपनियों/अन्य कंपनियों ने कोयला उत्पादन 31.38 प्रतिशत बढ़ाकर उसे 81.70 एमटी कर दिया, जबकि इसकी तुलना में वित्तवर्ष 2022 की समानावधि के दौरान 62.19 एमटी कोयला उत्पादन हुआ था। मंत्रालय ने एमएमडीआर (संशोधन) अधिनियम, 2021 के तहत खनिज रियायती (संशोधन) नियम, 1960 को संशोधित किया है, ताकि स्वामित्व वाली खानों के पट्टाधारकों को संयंत्रों की जरूरतें पूरी करने के बाद कोयला/लिग्नाइट खानों के कुल सुगम्य उत्पादन का 50 प्रतिशत तक का हिस्सा बेचने की अनुमति मिल सके।
मंत्रालय पीएम गति शक्ति के अंतर्गत सभी प्रमुख खानों के लिये रेल कनेक्टीविटी अधोरचना में वृद्धि करने के कदम उठा रही है, ताकि उत्खनन गतिविधियों में तेजी सुनिश्चित हो सके। परिणामस्वरूप, अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान 637.51 एमटी कोयला रवाना किया गया, जबकि वित्तवर्ष 2022 की समानावधि में 594.22 एमटी कोयला रवाना किया गया था। इस तरह इसमें 7.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह साबित होता है कि देशभर के विभिन्न सेक्टरों को कोयले की आपूर्ति स्थिर तथा कारगर रूप से चलती रही है।
कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य के मद्देनजर कोयला मंत्रालय ने 141 नये कोयला ब्लॉकों को वाणिज्यिक नीलामी के लिये खोला है। साथ ही मंत्रालय देश में विभिन्न कोयला कंपनियों के साथ नियमित काम कर रहा है तथा उनके उत्पादन की निगरानी कर रहा है। स्वदेशी उत्पादन बढ़ाने और उसकी आपूर्ति बढ़ाने के लिये किये जाने वाले समग्र प्रयासों के बेहतरीन नतीजे निकल रहे हैं।