NEWSPR LIVE : सात वर्षो से लगातार बिहार की अनदेखी के खिलाफ प्रधानमंत्री का पुतला दहन

Patna Desk

 

देश के पौराणिक एवम् गौरवशाली इतिहास रखने वाला बिहार राज्य की झांकी को लगातार सात वर्षो से गणतंत्र दिवस के परेड में केंद्र सरकार द्वारा शामिल नहीं करने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के नेता, कार्यकर्ता एवम् गयवासी स्थानीय टावर चॉक पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया ।

इस अवसर पर उपस्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह क्षेत्रीय प्रवक्ता बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व विधायक मो खान अली, जिला उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह,शिव कुमार चौरसिया, रंजीत कुमार सिंह, अमित कुमार उर्फ रिंकू सिंह, शशिकांत सिन्हा, मो आफताब आलम खान, मो उमर हुसैन, श्रवण पासवान, सैयद असरफ इमाम, उदय

शंकर पालित, बाल्मिकी प्रसाद, जगरूप यादव, जितेंद्र यादव, आदि ने कहा कि विगत सात वर्षो से गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ ( कर्तव्य पथ) पर देशभर के राज्यो की प्रदर्शित होने वाले झांकी में विगत सात वर्षो से बिहार की झांकी को केंद्रीय चयन समिति द्वारा रिजेक्ट करना, बिहार एवम् बिहारवासियों का घोर अपमान है, जिसके खिलाफ बिहार एवम् बिहारी जो देश के कोने, कोने में फैले है,महामहिम राष्ट्रपति से मांग करेंगे की हर हाल में 2023 के गणतंत्र दिवस परेड में बिहार की झांकी को शामिल करने पर पुनः विचार करें।

नेताओ ने कहा की सन 2023 गणतंत्र दिवस परेड में अतिप्राचीन अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान रखने वाला गया शहर के फल्गु नदी पर नवनिर्मित देश के सबसे बड़े रबर डैम ” गयाजी बांध ” थीम पर आधारित झाकी को शामिल करने का प्रस्ताव बिहार सरकार द्वारा केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे रिजेक्ट होने से गयावासियों में बहुत ज्यादा आक्रोश है।

नेताओ ने कहा की ऐसा पहली बार नहीं बल्कि सन 2017 से लगातार बिहार सरकार द्वारा प्रस्तावित झांकी को रिजेक्ट किया जा रहा है, जिसमे विक्रमशिला विश्वविद्यालय, शराबबंदी, छठ पूजा , गांधी के मार्ग पर अग्रसर बिहार, जल जीवन हरियाली, आदि थीम शामिल है, जो किसी दृष्टिकोण से रिजेक्ट करने लायक नही है।

नेताओ ने कहा की बिहार की 13 करोड़ जनता लगातार सातवें साल भी गणतंत्र दिवस समारोह में बिहार की झांकी को दिल्ली के राजपथ ( कर्तव्य पथ) पर नही देख आखिर क्या सोचेंगे ?

नेताओ ने कहा की बिहार जिसे लोकतंत्र की जननी, सभी आंदोलनों की भूमि कहे जाने साथ, साथ राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक दृष्टिकोण से सबसे उर्वरा राज्य की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं होना बिहार के साथ अन्याय है।

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