दिल्लीः राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) अपनी प्रमुख योजना के तहत आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) स्कैन और शेयर कार्यप्रणाली के माध्यम से रोगियों के लिए त्वरित ओपीडी पंजीकरण सेवा प्रदान करता है। अक्टूबर, 2022 में नई दिल्ली स्थित एक अस्पताल में इस सेवा को प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था। अब इसे भारत के 18 राज्यों में 200 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में अपनाया गया है। इसकी शुरुआत के बाद 75 दिनों की अवधि में स्कैन और शेयर (साझा) सेवा ने 1 लाख से अधिक रोगियों को ओपीडी परामर्श के लिए तत्काल पंजीकरण की सुविधा प्रदान की है। इससे उनका समय बचने के साथ ओपीडी पंजीकरण में आसानी हुई है। कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश उन प्रमुख राज्यों में से हैं, जो रोगियों को बेहतर सेवा वितरण प्रदान करने के लिए इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं।
यह सेवा रोगियों को अपनी पसंद के किसी भी स्वास्थ्य एप्लीकेशन (जैसे कि एबीएचए एप, अरोग्य सेतु एप, एकाकेयर, ड्रिफकेस, बजाज हेल्थ, पेटीएम) का उपयोग करके इसमें भागीदार अस्पताल/स्वास्थ्य सुविधा के यूनिक क्यूआर कोड को केवल स्कैन करने और अपनी एबीएचए प्रोफाइल साझा करने की अनुमति देती है। अपने एचबीएचए (आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते) से रोगी का नाम, अभिभावक का नाम, आयु, लिंग, पता, मोबाइल नंबर आदि जैसे जनसांख्यिकीय विवरण सीधे अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के साथ साझा किया जाता है, इसके बाद डिजिटल पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी होती है। इसके बाद रोगी अपने आउट पेशेंट पर्ची को इकट्ठा करने और डॉक्टर से मिलने के लिए काउंटर पर जा सकता है।
एनएचए के सीईओ डॉ. आर.एस. शर्मा ने इस सेवा के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “एबीडीएम के तहत हम अंतर-परिचालनीयता का निर्माण कर रहे हैं और स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रक्रियाओं में सुगमता को बढ़ावा दे रहे हैं। स्कैन और शेयर कार्यप्रणाली एक ऐसी विशेषता है, जो भारत में दैनिक आधार पर हजारों रोगियों की सहायता कर रही है। हमारी टीम इस त्वरित पंजीकरण सेवा को लागू करने के लिए पूरे देश के विभिन्न अस्पतालों के साथ मिलकर काम कर रही है। स्वास्थ्य केंद्रों में हिस्सा लेने के लिए उपयोगकर्ता के चयनित एप्लिकेशन और एचएमआई के बीच सरल अंतर-परिचालनीयता के जरिए दोनों यानी अस्पतालों और रोगियों को लाभान्वित करने में सक्षम हैं।”
इस स्कैन और शेयर कार्यप्रणाली के माध्यम से ओपीडी पंजीकरण को सहज, सुगम और सटीक बनाया गया है। साथ ही, इस प्रक्रिया ने रोगी को लंबी कतारों में खड़े हुए बिना अपना पंजीकरण करने को लेकर भी सशक्त बनाया है। यह न केवल रोगियों को तत्काल और वास्तविक लाभ प्रदान करता है, बल्कि उन्हें अपनी स्वास्थ्य जरूरतों के लिए डिजिटल समाधान स्वीकार करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।