औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह लोकसभा में नियम 377 के अंतर्गत लोकसभा अध्यक्ष एवं भारत सरकार को ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि पूर्व मध्य रेल के अंतर्गत वर्ष 2007 में 326 करोड़ रूपए की लागत से बिहटा-औरंगाबाद नई रेल परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई और परियोजना का कार्य 2011-12 में पूरा किया जाना था।इस परियोजना से पटना,अरवल,जहानाबाद और औरंगाबाद की जनता लाभान्वित होगी।इस क्षेत्र का अधिकांश भाग अति पिछड़ा और एल.डब्ल्यू.ई. के अधीन है।इस परियोजना के लिए कई बार सर्वेक्षण हुआ और किसानों को भूमि अधिग्रहण के लिए नोटिस भी जारी किया गया परंतु बताया गया है कि परियोजना की प्राक्कलन राशि 326 करोड़ रूपये से बढ़कर 2800 करोड़ रूपए हो गई।इस संबंध में मेरे द्वारा मामले को कई बार लोकसभा में उठाया गया है और सांसदों के साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से परियोजना का कार्य शीघ्र पूरा कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से आग्रह किया गया है।संबंधित क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस परियोजना का कार्य पूरा कराने के लिए धरना प्रदर्शन भी किया गया लेकिन सरकार द्वारा समुचित राशि का आवंटन नहीं करने और अन्य कारणों से परियोजना का कार्य लम्बित है।
अधिकारियों की उदासीनता के कारण प्राक्कलन राशि में काफी वृद्धि हो गई है और इस पिछड़े क्षेत्र की जनता को विकास योजना से वंचित करने का कार्य किया गया। मेरा आग्रह है कि बिहटा औरंगाबाद रेल परियोजना का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।इस रेल परियोजना को पूर्ण होने से बेहतर स्थानीय संपर्क उपयोगी होगा एवं इसके साथ-साथ इलाके में ब्यवसाय और विकास के लिए नए आयाम शुरु होंगे।