एक सप्ताह पहले बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल ब्लास्ट मामले की जांच जिस तरह से आगे बढ़ रही है, उससे नई जानकारियां भी आ रही हैं। अब तक जो जांच हुई है, उसमें आतंकी साजिश की और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े होने के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं। ऐसे में संभावना है कि इसकी जांच NIA के पास जा सकती है। बताया जाता है कि इस साजिश में शामिल संदिग्धों के बिहार, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से होने की वजह से इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जा सकता है।
बता दें कि तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से एक पार्सल ट्रेन से दरभंगा भेजा गया था। 17 जून को जब पार्सल उतारा जा रहा था तभी प्लेटफॉर्म पर धमाका हुआ। इस धमाके से हड़कंप मच गया। जल्द ही जीआरपी ने इसकी जांच की। इसके बाद इसमें एटीएस और एफएसएल को लगाया गया। पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी मिली थी। इसमें कुछ केमिकल होने की बात सामने आई थी। लेकिन इसका खुलासा नहीं किया गया। माना जा रहा है कि साजिशकर्ता पार्सल के जरिये केमिकल को दरभंगा भेजने में लगे थे. इसी बीच विस्फोट हो गया और उनकी साजिश विफल हो गई।
जाचं के बाद इस मामले में चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. यह कार्रवाई देश में कई जगह की गई। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो मामले के पीछे बड़ी आतंकी साजिश और इसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने के चलते जांच का दायरा बढ़ सकता है। ब्लास्ट की जांच का जिम्मा एनआईए ले सकती है।
बताया जाता है कि जांच में सीडीआर में कुछ विदेशी नंबर भी मिले हैं. इस पर लगातार बातचीत भी हो रही थी। ऐसे में पार्सल से लेकर ब्लास्ट तक का मामला पूरी तरह संदेह के घेरे में है। इस मामले में यूपी एटीएस की टीम गहनता से पड़ताल में जुटी हुई है। माना जा रहा है कि जल्द ही कुछ अहम सुराग एटीएस को मिल सकते हैं। बता दें कि मई 2019 में लखनऊ, गाजियाबाद और शामली के एसपी को ईमेल भेजकर दिल्ली-यूपी के सात रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकी दी गई थी. यूपी एटीएस और शामली साइबर सेल ने दो आरोपियों शहजाद और गुलजार को शामली जिले से गिरफ्तार भी किया था।