NEWSPR डेस्क। पटना प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा-माओवादियों के सात ठिकानों पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की। चर्चित नरेश सिंह भोक्ता हत्याकांड मामले में एनआईए की टीम ने बिहार और झारखंड में सात स्थानों पर छापेमारी की। 2 नवंबर, 2018 को माओवादियों ने तथाकथित जन अदालत लगाकर नरेश भोक्ता की हत्या कर दी थी। इससे पहले भोक्ता का अपहरण कर लिया गया था। बाद में उसका शव बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बधाई बिगहा गांव के पास मिला था।
जांच एजेंसी ने बिहार के गया और औरंगाबाद जिलों और झारखंड के पलामू में आरोपियों और संदिग्धों के परिसरों पर तलाशी ली। एनआईए ने भाकपा-माओवादी के के पांच गिरफ्तार कमांडरों और दो संदिग्ध ओजीडब्ल्यू-समर्थकों के आवासीय परिसरों पर तलाशी ली गई। तलाशी में विभिन्न डिजिटल उपकरणों, मोबाइल फोन, सिम कार्ड के साथ-साथ आपत्तिजनक दस्तावेजों को जब्त किया गया।
शुरुआत में इस मामले को बिहार पुलिस हैंडल कर रही थी, लेकिन बाद में 4 जून 2022 को इसे एनआईए को सौंप दिया गया। मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। फरवरी 2023 में एनआईए ने एक आरोपी अजय सिंह भोक्ता के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। जांच के दौरान एनआईए ने हत्या की साजिश में शीर्ष माओवादी कमांडरों की संलिप्तता का पता लगाया और हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार और वाहन बरामद किए। एनआईए की ओर से की गई इस छापेमारी से कई साक्ष्य मिले है, जिससे आरोपियों को सजा दिलाने में मदद मिलेगी।