NDA की बैठक में नीतीश को विधायक दल का चुना गया नेता, CM के नाम पर भी लग सकती है मुहर

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। बिहार में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह आज तय हो सकता है। NDA विधायक दल की अहम बैठक जारी है। पर्यवेक्षक के तौर राजनाथ सिंह, बिहार में भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस और बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव मौजूद है। बैठक में नीतीश को NDA विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।

शनिवार को सुशील कुमार मोदी ने दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात की थी। नीतीश के डिप्टी कौन और कितने होंगे, इसकी भी घोषणा होने की संभावना है। इसके बाद नीतीश राज्यपाल फागू चौहान के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। सोमवार को शपथ ग्रहण की संभावना है।

भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह अपनी मां पुतुल देवी के साथ पहुंची। पुतुल देवी ने बेटी के मंत्री बनने के सवाल पर कहा कि ये पार्टी का फैसला होगा। श्रेयसी प्रतिभा की धनी है और मेरी समझ से उसे मौका मिलना चाहिए। वही भाजपा नेता प्रेम कुमार ने कहा कि मेरी डिप्टी सीएम बनने की कोई इच्छा नहीं है, बस प्रधानमंत्री का सपना पूरा करना है।

नीतीश कुमार मुख्यमंत्री, सुशील कुमार मोदी उपमुख्यमंत्री और विजय कुमार चौधरी विधानसभा अध्यक्ष होंगे, ये तीन नाम तय माने जा रहे हैं। नीतीश का नाम NDA की ओर से, सुशील कुमार मोदी और चौधरी का नाम नीतीश की ओर से सामने आ रहा है। लेकिन बैठक में भाजपा का डिप्टी सीएम को लेकर कोई नया स्टैंड भी सामने आ सकता है।

नीतीश अपने डिप्टी सुशील कुमार मोदी को कायम रखने पर अड़े हैं, लेकिन इस पद पर भाजपा में दो नए चेहरे को लेकर चर्चा है। चर्चा तो यह भी है कि भाजपा दो डिप्टी सीएम चाह रही है। दूसरी तरफ, NDA नेताओं को महागठबंधन की ओर से हम प्रमुख जीतनराम मांझी और VIP प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का ऑफर होने की जानकारी भी है।

जदयू केंद्र की NDA सरकार का हिस्सा तो है, लेकिन उसके मंत्री नहीं हैं। संभावना है कि बैठक में अगर कहीं मामला फंसा तो भाजपा घटक दल को केंद्र में सहभागिता का ऑफर दे सकती है। 2019 के आम चुनाव के बाद केंद्र में एक मंत्री पद का ऑफर नीतीश ने ठुकरा दिया था। बिहार में भाजपा के 17 और जदयू के 16 सांसद हैं, जिसके कारण नीतीश कम-से-कम तीन केंद्रीय मंत्री का पद चाह रहे हैं। नीतीश 6 सांसदों वाली लोजपा के विधानसभा चुनाव में दिखाए रवैए से खफा हैं, जिसके कारण वह लोजपा को लेकर भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के समक्ष शर्तें रख सकते हैं।

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