Patna Desk: बिहार पर एक के बाद एक संकट के बादल छा रहे हैं. पहले कोरोना, ब्लैक फंगस, व्हाइट फंगस जैसी बीमारी से जहां लोग परेशान है, वहीं अब एक और बीमारी ने दस्तक दे दी है. इस बीमारी का नाम है एमआईएससी (‘MIS-C’) यानि ‘मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम’.
चिंता की बात ये है कि बच्चे इससे संक्रमित हो रहे हैं. पहले कभी कोरोना से संक्रमित बच्चों में भी इसके लक्षण देखे जा रहे हैं. पटना में अब तक 7 ऐसे बच्चों में इसके लक्षण मिले हैं.
कैसे डालता है प्रभाव?
मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. दिवाकर तेजस्वी बताते हैं कि ‘बच्चों के अंदर इम्यून रिस्पांस कोविड-19 के समय जब हाइपरएक्टिव होती है, तो इम्यून रिस्पांस के कारण बहुत सारे ऑर्गन उस इन्फ्लेमेशन के कारण डैमेज होते हैं. जैसे लंग्स, हर्ट, गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल सिस्टम, लीवर, किडनी, ब्रेन, स्किन, आंख और करीब सारे ऑर्गन एमआईएससी के कारण इंफ्लेम्ड होते हैं. इनमें सूजन आ जाती है.
‘क्या हैं इसके लक्षण?
एक्सपर्ट बताते हैं कि इसके सामान्य लक्षण 24 घंटे से अधिक तेज बुखार, डिसेंट्री एंड डिहाईड्रेशन की शिकायत, पेट में तेज दर्द, सिर दर्द, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, आंख में जलन, बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना, त्वचा पर रैशेज आना आदि होते हैं. हमें इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.
एमआईएससी से संक्रमित होने पर क्या करें?
इस बीमारी के लक्षण आने पर सीबीसी, ईएसआर, सीआरपी और डी टाइमर जैसी जांच के माध्यम से इस बीमारी का पता चल सकता है. डॉ दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि कोरोना के कारण अधिक मात्रा में शरीर में एंटीबॉडी बनना इसका प्रमुख कारण है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए अभिभावकों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है. कोरोना संक्रमितों से बच्चों को दूर रखने की जरूरत है. समय-समय पर जांच करवाने की जरूरत है.