राज्य में अब ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने की प्रक्रिया और अधिक कड़ी और तकनीकी रूप से सशक्त होने जा रही है। अक्सर देखा गया है कि जब ट्रैफिक पुलिस सड़क पर किसी वाहन को रोकती है, तो कुछ चालक भागने की कोशिश करते हैं जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अब बॉडी-वॉर्न कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
अगस्त के आखिरी सप्ताह से लागू होगी नई प्रणाली
यातायात पुलिस अब बॉडी-वॉर्न कैमरों के जरिए चालान जारी करेगी। इस प्रणाली को वाहन की नंबर प्लेट पहचानने वाले सिस्टम (LPR) से जोड़ा जा रहा है। इस नई व्यवस्था को राज्य भर में अगस्त के अंतिम सप्ताह से लागू करने की तैयारी चल रही है। हाल ही में पटना में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में एडीजी ट्रैफिक ने इसकी रूपरेखा साझा की।
चालान की सूचना कई माध्यमों से मिलेगी
पहले चालान की जानकारी केवल मोबाइल SMS के जरिए दी जाती थी। अब वाहन मालिकों को ऑटोमेटेड कॉल, व्हाट्सएप मैसेज, ई-मेल और SMS के जरिए भी चालान की सूचना दी जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि वाहन स्वामी समय रहते जुर्माने का भुगतान कर सकें और किसी तरह की असुविधा से बचें।
पुलिस की कार्यशैली पर भी लगेगी लगाम
बॉडी-वॉर्न कैमरे चालू रहने से पुलिसकर्मियों की कार्रवाई रिकॉर्ड में रहेगी, जिससे मनमानी और बदसलूकी पर लगाम लगेगी। यातायात विभाग का मानना है कि इस नई तकनीक से कार्यवाही में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। अगर कोई विवाद की स्थिति आती है तो रिकॉर्डेड फुटेज से अपील करना भी आसान हो जाएगा।
भागलपुर में पहले से उपलब्ध हैं कैमरे, लेकिन कम उपयोग
भागलपुर की ट्रैफिक पुलिस को पहले ही 62 बॉडी-वॉर्न कैमरे दिए जा चुके हैं, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार इनका उपयोग अपेक्षाकृत कम हो रहा है। अब मुख्यालय स्तर से सक्रिय निगरानी और बेहतर क्रियान्वयन की तैयारी है ताकि नई व्यवस्था को सफल बनाया जा सके।