उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव करते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नई संशोधित गाइडलाइन जारी की है। अब छात्र एक साथ दो फुलटाइम शैक्षणिक कार्यक्रम—चाहे वह डिग्री हो या डिप्लोमा—कर सकेंगे। ये कोर्स रेगुलर, ऑनलाइन या ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) मोड में हो सकते हैं। इसके अलावा, दोनों कोर्स एक ही विश्वविद्यालय से या दो अलग-अलग विश्वविद्यालयों से भी किए जा सकते हैं और दोनों को मान्यता प्राप्त होगी।
यूजीसी के अनुसार यह व्यवस्था वर्ष 2022 से प्रभावी मानी जाएगी। साथ ही, यदि किसी छात्र ने 2022 से पहले भी एक साथ दो पाठ्यक्रम किए हैं और वे उस समय की गाइडलाइन के अनुरूप हैं, तो उन्हें भी मान्यता दी जा सकती है।
हालांकि, यह प्रावधान पीएचडी कार्यक्रमों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि पीएचडी में पूर्णकालिक शोध और गहन एकाग्रता की आवश्यकता होती है।
बिहार में अभी नहीं होगा तुरंत लागू
यूजीसी की इस नीति को बिहार में लागू करने के लिए राज्य सरकार को नयी नियमावली तैयार करनी होगी, जिसे राजभवन के माध्यम से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को भेजा जाएगा। तब जाकर यह व्यवस्था प्रभाव में आएगी।
UGC ने यह भी साफ किया है कि शैक्षणिक संस्थानों को इस नई प्रणाली को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए समय-सारणी, पाठ्यक्रम समन्वय और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को दुरुस्त करना होगा, ताकि छात्रों को दोनों कोर्सों का पूरा लाभ मिल सके।
अंतरराष्ट्रीय मानकों की दिशा में कदम
यह पहल अमेरिका, फ्रांस और डेनमार्क जैसे देशों की ड्यूल डिग्री प्रणाली से प्रेरित है। इससे विद्यार्थियों को विविध क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने का अवसर मिलेगा और उनकी रोजगार संभावनाएं भी बेहतर होंगी।