हरितालिका तीज पर आज महिलाएं अखंड सुहाग के लिए निर्जला व्रत रख रही हैं। पारंपरिक रूप से व्रत पूजन के लेकर गुरुवार को घरों में तैयारियां की गई हैं। बता दें आपको कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुक्रवार को हरतालिका तीज मनाई जा रही है। मान्यता अनुसार इस व्रत को रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हरतालिका तीज में भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। महिलाएं जिस त्याग-तपस्या से यह व्रत रखती हैं, वह बेहद अनुपम है। यह कठिन व्रत है। इस व्रत में फलाहार का सेवन तो दूर, सुहागिनें जल तक का सेवन नहीं करती हैं। व्रत के दूसरे दिन स्नान- पूजन के बाद व्रत का पारण किया जाता हैं।
व्रत, पूजन का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार तीज पूजन का शुभ मुहूर्त शाम को 6:54 से लेकर रात 9:06 बजे तक है। वहीं इस वर्ष तृतीया तिथि का अभाव नहीं है, इसलिए पूजन दिन में और सायंकाल प्रदोष बेला में संपन्न किया जा सकता है। लेकिन सर्वोत्तम मुहूर्त इस प्रकार है।
लाभ एवं अमृत बेला: सुबह 7:25 बजे से 10:28 बजे तक।
शुभ बेला : दिन में 12 बजे से 1:32 बजे तक।
चर बेला : सायंकाल 4:32 बजे से सूर्यास्त 6:23 बजे तक।
लाभ और अमृत बेला : सूर्यास्त के बाद रात्रि 9:15 बजे तक सर्वोत्तम है।
व्रत पूजन विधान
व्रती महिलाओं को एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती की आकृति बनाकर पूजन करें।