NEWSPR डेस्क। आज ‘बर्डमैन ऑफ इंडिया’ के नाम से पहचाने जाने वाले सलीम अली की जयंती है। जे डी यू- ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
सलीम अली पूरे भारत में व्यवस्थित पक्षी सर्वेक्षण करने वाले पहले भारतीय थे। उनके शोध कार्य को पक्षीविज्ञान के विकास में अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। वह एक प्रसिद्ध पर्यावरण योद्धा थे, जो अक्सर वन्यजीवों की रक्षा के लिए खड़े रहते थे।
सलीम अली का जन्म मुंबई में सुलैमानी बोहरा मुस्लिम परिवार में 12 नंवबर 1986 को हुआ था। सलीम अली का पूरा नाम सलीम मोइजुद्दीन अब्दुल अली थी। सलीम अली के बचपन में ही उनके माता पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद उनके मामा ने उनकी देखभाल की थी। सलीम अली न केवल एक पक्षी प्रेमी थे, बल्कि एक प्रकृतिवादी भी थे। उन्होंने पक्षियों को लेकर कई पुस्तकें भी लिखी जिसके कारण उन्होंने भारत में पक्षीविज्ञान को लोकप्रिय बना दिया।
सलीम अली ने डॉ. इरविन स्ट्रैसमैन के साथ तकरीबन एक साल तक रहकर पक्षियों पर अध्ययन किया था। इसके लिए वह अपनी नौकरी को छोड़कर जर्मनी में डॉ.इरविन स्ट्रैसमैन के पास गए थे। डॉ.इरविन स्ट्रैसमैन दुनिया के मशहूर पक्षी विज्ञानी रह चुके हैं। सलीम अली का पहला शोध पत्र वीवर बर्ड्स पर 1930 में प्रकाशित हुआ था।
सलीम अली ने भरतपुर पक्षी अभयारण्य (केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) की स्थापना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही साइलेंट वैली नेशनल पार्क को पूरी तरह खत्म होने से भी बचाया। सलीम अली ने सिडनी डिलन रिप्ले के साथ भारत और पाकिस्तान के पक्षियों की ऐतिहासिक दस-खंड की हैंडबुक लिखी, जिसका दूसरा संस्करण उनकी मृत्यु के बाद पूरा हुआ।
सलीम अली को 1958 में भारत का तीसरा पद्म भूषण और 1976 में दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। पद्म भूषण और पद्म विभूषण के अलावा सलीम अली को 1967 में ब्रिटिश ऑर्निथोलॉजिस्ट संघ का स्वर्ण पदक मिला है। यह सम्मान पाने वाले वह पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक थे।