विश्व निमोनिया दिवस के मौके पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने दी शुभकामनाएं, जानें कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। आज विश्व निमोनिया दिवस मनाया जा रहा है. ज्यादातर बच्चों में निमोनिया हर आयु वर्ग के लिए चिंता का विषय है. इतना ही नहीं बुजुर्गों में निमोनिया का बढ़ा हुआ स्तर जानलेवा भी हो सकता है. आपको बता दें कि निमोनिया का एक कारण प्रदूषण का बढ़ता स्तर भी है. आइए जानें निमोनिया के प्रकार, कारण, लक्षण, रोकथाम और इसके उपचार के बारे में

विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास
यह दिन पहली बार 12 नवंबर 2009 को ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड न्यूमोनिया द्वारा मनाया गया था. तब से हर साल यह दिन एक नई थीम के साथ सेलिब्रेट किया जा रहा है. इस दिन तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया जाता है.

निमोनिया क्या है?
किसी भी संक्रमण के कारण फेफड़े में सूजन होती है, जिसे निमोनिया कहा जाता है. हालांकि अधिकांश निमोनिया बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है. इन्फ्लूएंजा या कोविड-19 वायरस जैसे वायरल संक्रमण भी फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं और उन्हें गंभीर क्षति पहुंचा सकते हैं.

निमोनिया होने के लक्षण
निमोनिया की शुरुआत आमतौर पर सर्दी, जुकाम से होती है. जब फेफड़ों में संक्रमण तेजी से बढ़ने लगता है, तो तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ होती है. सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है. पांच साल से कम उम्र के बच्चों को बुखार नहीं आता लेकिन खांसी और सांस लेने में बहुत दिक्कत हो सकती है.

अन्य कारक जो निमोनिया का कारण बन सकते हैं
खासकर बच्चों में पोषक तत्वों की कमी

घर या कार्यस्थल पर अपर्याप्त वेंटिलेशन

एचआईवी जैसी अंतर्निहित इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड स्थितियों की उपस्थिति

जो लोग अंग प्रत्यारोपण या ऑटोइम्यून विकारों के लिए स्टेरॉयड या अन्य इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं पर हैं

अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों को भी निमोनिया होने का अधिक खतरा होता है.

इसलिए यह जरूरी है कि निमोनिया के बारे में जानें और सतर्क रहें. ताकि खुद को और अपने परिवार को इसके जोखिम से बचाया जा सके.

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