NEWSPR डेस्क। आज अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस है। विश्व ओजोन दिवस हर साल 16 सितंबर को मनाया जाता है। ओजोन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य ओजोन परत के संरक्षण के लिए लोगों को जागरुक करना है। इसी कड़ी में जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ओजोन लेयर खत्म हो गया तो धरती पर जीवन भी खत्म होने के कगार पर आ जाएगी। विश्व ओजोन डे पर हम सब साथ मिलकर संकल्प लें कि हम हर हालत में प्रदूषण कम करेंगे और वो हर काम करेंगे जिससे ओजोन लेयर सुरक्षित रहे।
ये है इस साल की थीम : हर साल 16 सितंबर के दिन इंटरनेशनल वर्ल्ड ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर इस डे को सेलिब्रेट करने के साथ ही इसकी एक थीम भी रखी जाती है। इस साल की थीम है, “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल – हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना” है। इस वर्ष के विश्व ओजोन दिवस पर प्रकाश डाला गया है, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल बहुत कुछ करता है – जैसे कि जलवायु परिवर्तन को धीमा करना और ठंडे क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने में मदद करना, जो खाद्य सुरक्षा में योगदान देता है। इस साल की तीम को 197 देशों के द्वारा मंजूरी दी गई है।
क्या है ओजोन परत : ओजोन (ओ3) हमारे वायुमंडल का सबसे बाहरी आवरण है। ये परत ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी बिना गंध वाली गैस है। यह धरती पर सूर्य की हानिकारण अल्ट्रावाइलट किरणें पहुंचने नहीं देती। लेकिन प्रदूषण ने ओजोन में छेद कर दिए हैं जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ा है।
पृथ्वी से निकलने वाली रासायनिक गैसें ओजोन परत को नुकसान पहुंचाती हैं। कई वैज्ञानिकों का कहना है कि रेफ्रिजरेटर और एसी ओजोन परत को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
ओजोन दिवस की शुरुआत : 1970 के दशक के अंत में वैज्ञानिकों को ओजोन परत में छेदों के बारे में पता चला। इसके बाद 80 के दशक में विश्व के कई देशों की सरकार ने इस समस्या पर चिंतन करना शुरू किया। 1985 में दुनिया की सरकारों ने ओजोन परत की सुरक्षा के लिए वियना कन्वेशन को अपनाया। इसके बाद 19 दिसंबर 1994 को यूएन की जनरल असेंबली ने 16 सितंबर को ओजोन लेयर के बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने का फैसला किया। पहला ओजोन डे 16 सितंबर 1995 को मनाया गया था।