NEWSPR डेस्क। क्या आपके सेविंग अकाउंट में कैश मौजूद है। क्या आपने अपने बैंक में एफडी करवा रखी है। क्या आप ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। अगर आपका जवाब हां है ये तो खबर आपके लिए है। अगर आप सोच रहे हैं कि आपने अपने बैंक में पैसा रखा है और वो पूरी तरह से सेफ है तो आप गलत है। बैंक में रखा पैसा भी अब सुरक्षित नहीं है। कोई है जो लगातार आपके पैसे पर नज़र बनाए हुए है। थोड़ी सी सावधानी हटी तो आपका खाता जीरो में जा सकता है।
बैंक की फर्जी साइट से सावधान!
राहुल जैन (काल्पनिक नाम) को अपनी बैंक स्टेटमेंट चेक करनी थी। उन्होंने गूगल पर जाकर अपने बैंक के नाम से साइट ओपन की। साइट खुलने के बाद उन्होंने अपनी डिटेल्स यानी अकाउंट नंबर और पासवर्ड उस साइट में डाला, लेकिन बावजूद इसके उनका अकाउंट नहीं खुला। एक-दो बार कोशिश करने के बाद भी जब राहुल जैन का अकाउंट नहीं खुल पाया तो वो साइट से बाहर आ गए, लेकिन तभी उनके पास बैंक का मैसेज आया। राहुल जैन के अकाउंट से 90 हज़ार रुपये डेबिट हो गए थे। उन्हें समझ ही नहीं आया कि ये कैसे हुआ। बैंक से बात की तो पता चला कि वो साइबर क्राइम का शिकार बने हैं।
फर्जी वेबसाइट बनाकर लूट
साइबर फ्रॉड काफी तेजी से बढ़ रहा है। साइबर क्रिमिनल्स का एक की मकसद है और वो है पैसा लूटना। इसके लिए वो नए-नए तरीके अपना रहे हैं। सबसे नया तरीका जो सामने आया है वो है बैंक की फर्जी साइट। जी हां, हैरान मत होइए जिस साइट पर आप नेट बैंकिंग करते हैं फ्रॉड्स ने उसी साइट को फर्जी तरीके से तैयार कर लिया है। उस साइट में आपको सबकुछ वैसा ही नज़र आएगा जैसा असली साइट में और आप जैसे ही अपना नाम पॉसवर्ड डालेंगे वो डिटेल लुटेरे तक पहुंच जाएगी। डिटेल मिलने के साथ ही वो आपके अकाउंट से पैसा निकाल लेंगे, बिल्कुल वैसा ही जैसा राहुल जैन के साथ हुआ।
एसबीआई ने जारी किया अलर्ट
फिलहाल SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े कई लोग इस फ्रॉड का शिकार बने हैं। क्राइम ब्रांच के पास 50 से ज्यादा ऐसे लोगों की शिकायत आई है जो SBI की फर्जी साइट के जाल में फंस गए और फिर उनके अकाउंट से पैसा निकल गया। इन लोगों के मुताबिक जैसे ही इन्होंने गूगल पर साइट ओपन करके अपनी डीटेल्स डाली इनके अकाउंट खाली हो गया, जबकि बैंक से बात की तो उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। क्राइम ब्रांच की टीम इन मामलों की जांच कर रही है। दरअसल फर्जी साइट्स में इतना बारीक अंतर होता है कि ग्राहक जल्दबाजी में उसे पकड़ ही नहीं पाते और फर्जी साइट्स पर ही बैंकिंग करने लगते हैं।
कस्टमर केयर नंबर से लूट
इसके अलावा बैंक का कस्टमर केयर नंबर लगाते समय भी सावधान रहे। गूगल में आपको कई बैंक के फर्जी कस्मटर केयर नंबर भी मिल जाएंगे। हमें हर बार अपने बैंक का कस्टमर केयर नंबर याद नहीं रहता और हम गूगल का सहारा लेते हैं। गूगल में हम जैसे ही बैंक का कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं, फर्जी नंबर हमारे सामने आ जाता है। हम उसी नंबर पर बात करने लगते हैं। दूसरी तरफ से जो लोग होते हैं वो खुद को बैंककर्मी ही बताते हैं और आप अंजाने में ही उन्हें अपनी जानकारी दे देते हैं। SBI ने कुछ दिन पहले ही ट्वीट करके इस तरह के फ्रॉड से सावधान रहने की जानकारी दी थी। एसबीआई ने कहा कि ग्राहक सिर्फ बैंक की सही वैबसाइट पर जाकर ही टोल फ्री कस्मटर केयर का नंबर इस्तेमाल करें। इसके अलावा फोन पर बात करते समय किसी भी शख्स को अपना कार्ड नंबर, अपना अकाउंट नंबर और कोई भी ओटीपी शेयर न करें।
SMS से भी लगा रहे हैं चूना
एक और तरीक से बैंक में रखे पैसे तक साइबर क्रिमिनल्स पहुंच रहे हैं और वो है SMS। आपके पास भी कई बार लोन, क्रेडिट कार्ड के नाम पर बैंक का मैसेज आया होगा। बस यही वो तरीका जिससे क्रिमिनल्स आपके बैंक अकाउंट तक पहुंच जाते हैं। आपको लगगे कि ये बैंक के नाम से मैसेज आया है और आप उस मैसेज में दिए लिंक में क्लिक करेंगे तो सामने उसी बैंक का फॉर्म खुल जाएगा। आप अपनी डिटेल्स उस फॉर्म में डालेंगे तो वो सीधा उस गैंग तक पहुंचेगी जिसने ये जाल फैलाया है। दरअसल बैंक के नाम से फर्जी लोग एसएमएस भेजते हैं, लेकिन वो नाम इतना मिलता-जुलता होता है कि लोग उनके जाल में आसानी से फंस जाते हैं।
लिंक पर क्लिक करने से बचें
विजय नगर की रहने वाली एक महिला के पास SBI क्रेडिट कार्ड के नाम से एक लिंक आया। महिला को अपनी क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढवानी थी इसलिए उन्होंने एसबीआई का नाम देखकर लिंक पर क्लिक किया। बैंक का फॉर्म खुला तो उन्होंने उस फॉर्म को पूरा भर दिया और जमा कर दिया, लेकिन वो हैरान तब हो गईं जब उनके पास 99 हज़ार रुपये डेबिट होने का मैसेज आया। दरअसल जिस लिंक पर उन्होंने क्लिक किया वो फर्जी लिंक था। उसनें आगे तो एसबीआई लिखा था, लेकिन साथ में कुछ और नाम भी जुड़े थे।
इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कुछ सावधानियां बेहद जरूरी है।
- 1. बैंक की सही साइट्स को अपने पास नोट करके रखिए। जब भी वेब साइट पर जाना हो इसे खुद यूआरएल पर टाइप करिए। गूगल सर्च से वेबसाइट लेने पर फर्जी वेबसाइट खुलने की ज्यादा संभावनाएं हैं।
- 2. बैंक का कस्टमर केयर नंबर या तो बैंक की वेबसाइट से लें या फिर बैंक की ब्रांच से। गूगल पर टाइप करके कस्मटर केयर नंबर लेने से बचें।
- 3. आपके पास अगर कोई बैंक का एसएमएस आया है तो उसपर दिए लिंक पर क्लिक न करें।
- 4. वक्त-वक्त पर अपने बैंक का पासवर्ड बदलते रहे इससे फ्रॉड की संभावनाएं कम कम हो जाती हैं।
- 5. फोन पर किसी भी शख्स को अपना ओटीपी या फिर अपना पॉसवर्ड न बताएं और अगर आपके पास इस तरह का कोई फोन आता है तो हो सके तो अपने बैंक को खबर जरूर दें।