NEWSPR /DESK : झारखंड और बिहार की सीमा से सटे बराकर नामक स्थान पर पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत हो गई। पुलिस की हिरासत में युवक की मौत से आक्रोशित लोगों ने फांडी का घेराव किया। पुलिस वाहन में आग लगा दी। उग्र भीड़ ने पुलिस टीम पर पत्थरबाजी भी की। मिली जानकारी के मुताबिक बराकर पुलिस स्टेशन में स्टेशन रोड निवासी अरमान हिंसारी को शक के आधार पर पकड़ा था। वहीं पुलिस हिरासत में ही उसकी मौत हो गई।
पुलिस की हिरासत में पीटने का आरोपआरोप है कि पुलिस हिरासत में अरमान अंसारी की पुलिस अधिकारी और सीपीवीएफ के 4 जवानों ने जमकर पिटाई की। पिटाई से लगी अंदरूनी चोटों की वजह से वो गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस ने अरमान को आनन-फानन में आसनसोल के एक अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कहा जाता है कि इसकी जानकारी मिलते ही लोग आक्रोशित हो गए और सैकड़ों की संख्या में जाकर थाने का घेराव किया। लोगों ने बराकर स्टेशन रोड को जाम कर दिया था। बैगुनिया मोड़ पर भी लोग जमा थे। सड़कों पर आगजनी भी की गई थी।
लोगों ने पुलिस वाहन में आग लगा दीलोगों की भारी भीड़ ने थाने को घेर लिया। थाना परिसर में खड़ी गाड़ी को आग लगा दी। बाकी गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनपर पत्थरबाजी कर दी। तत्काल इसकी सूचना पुलिस के आला अधिकारियों को दी गई। जानकारी मिलते ही आसनसोल पुलिस कमिश्नर अजय ठाकुर, डीसीपी वेस्ट अभिषेक मोदी भारी दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। लोगों को समझाने का प्रयास किया। पूर्व विधायक उज्जवल चटर्जी और पूर्व उपमेयर तबस्सुम आरा भी घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रय़ास किया।
आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कियापुलिस कमिश्नर अजय ठाकुर ने बताया कि बराकर फांडी थाना प्रभारी सहित घटना में शामिल सभी सीपीवीएफ जवानों को निलंबित कर दिया गया है। मृतक के परिजनों की ओर से फिलहाल पुलिस में मामला दर्ज नहीं करवाया गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मृतक के आश्रितों को न्याय मिलेगा। वहीं मृतक अरमान के पिता कलाम अंसारी और मां असगरी खातून ने मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। समाचार लिखे जाने तक मृतक का शव पोस्टमॉर्टम करके नहीं लाया गया था।