NEWSPR डेस्क। अररिया में जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदारी पर रोक लगाने के विरुद्ध में पैक्स अध्यक्षों ने सहकारिता विभाग पहुंचकर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। जिला प्रशासन के मनमानी रवैया के विरुद्ध नाराजगी जाहिर करते हुए अध्यक्षों ने बताया कि सरकार द्वारा पूर्व में दिए गए लक्ष्य को मनमानी ढंग से घटाकर जिले के लक्ष्य को बेवजह सीमित कर दिया गया है। साथ ही सरकार द्वारा 15 फरवरी तक धान खरीदारी की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है, लेकिन जिला प्रशासन पिछले 22 जनवरी से ही धान खरीदारी पर रोक लगा दी है। इसकी वजह से बड़े पैमाने पर किसान धान बेचने से वंचित हो रहे हैं। जिसका खामियाजा पैक्स अध्यक्षों को भुगतना पड़ रहा है।
एकजुटता दिखाते हुए पैक्स अध्यक्षों ने बताया कि उनके द्वारा किसानों से धान खरीदारी कर जीर्ण शीर्ण अवस्था में रख दी गई है लेकिन अचानक खरीदारी बंद होने से उन लोगों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। साथ ही मिलिंग के बाद तैयार चावल को भी विभाग द्वारा उठाव नहीं किया जा रहा है। पिछले एक सप्ताह से एसटीआर बनने पर भी रोक लगी है। जिसकी वजह से पैक्स अध्यक्ष काफी परेशान हैं। मौके पर प्रमंडलीय अध्यक्ष हीरा प्रसाद सिंह, प्रबंध निदेशक किशोर कुमार झा, संघ के अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह, व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनील यादव सहित अररिया प्रखंड के 12 से अधिक पैक्स अध्यक्ष उपस्थित रहें। पैक्स अध्यक्षों ने जिला प्रशासन के मनमानी रवैया के विरुद्ध आवाज बुलंद करते हुए जल्द से जल्द खरीदारी शुरु करवाने की मांग की है। एकजुटता दिखाते हुए पैक्स अध्यक्षों ने बताया कि सिर्फ 20 फीसद किसानों से अब तक धान की खरीदारी हो सकी है। बड़ी मात्रा में किसानों के पास धान का स्टॉक है। यह भी बताया कि समरूपता के आधार पर खरीदारी नहीं हुई है कहीं लक्ष्य से डेढ़ गुना अधिक खरीदारी कर दी गई है तो कहीं 50 फीसद ही खरीदारी हुई है। जिला प्रशासन को आगाह करते हुए बताया कि दो दिनों के अंदर शत-प्रतिशत किसानों से धान खरीदारी नहीं हुई तो जिले भर के पैक्स अध्यक्ष एकजुट होकर आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री को भी सामूहिक पत्र भेजकर समय पूर्व किसानों से धान की खरीदारी शुरू करवाने की मांग की गई है।
अररिया से रविराज की रिपोर्ट