आज है ज्ञान की ज्योत जलाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि, पल्वी राज कंस्ट्रक्शन और NEWS PR के सीएमडी संजीव श्रीवास्तव ने दी श्रद्धांजलि

Patna Desk

NEWS PR डेस्क। दलित उत्थान और महिला सशक्तिकरण के लिए सदैव समर्पित रहे महान समाज सेवक, दार्शनिक व सत्यशोधक समाज के संस्थापक महात्मा ज्योतिबा फुले की आज पुण्यतिथि है। इस मौके पर पल्वी राज कंस्ट्रक्शन और NEWS PR के सीएमडी संजीव श्रीवास्तव ने उन्हे नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है। साथ ही कहा कि देश में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले जी ने गरीब, दलित व पिछड़े वर्ग के उत्थान तथा सामाजिक जड़ताओं व कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें मेरा सादर नमन है। साथ ही उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले जी के आदर्शों पर चलना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

आपको बता दें ज्योतिराव गोविंदराव फुले महान समाज सुधारक, समर्पित क्रांतिकारी, ओजस्वी लेखक, विचारक, एवं उच्च कोटि के दार्शनिक थे। संक्षिप्त में इन्हें ज्योतिबा फुले के नाम से संबोधित किया जाता है। स्त्रियों की दशा सुधारने और उन्हें शिक्षित करने की दिशा में ज्योतिबा फुले ने साल 1854 में एक कन्या स्कूल खोला। यह देश का यह पहला महिला विद्यालय था। धार्मिक कट्टरता की परंपरा के खिलाफ जाकर ब्राह्मण-पुरोहित के बिना विवाह संस्कार शुरू कराया। उनके इस कृत्य को मुंबई हाईकोर्ट ने बिना शर्त मान्यता दिया। समाज के प्रति उनके निस्वार्थ सेवा को देखते हुए साल 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी। बतौर समाज सुधारक ज्योतिबा फुले ने धार्मिक कट्टरता, स्त्री पुरुष समानता, स्त्री शिक्षा जैसे कार्यों में पूरी जिंदगी अर्पित कर दी. यहां उनके कुछ ऐसे ही अनमोल विचार प्रस्तुत है

ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के कटगुण में हुआ था। उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव गोन्हे, ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। पिता गोविंदराव तथा माता चिमणा बाई थीं। वे मात्र एक वर्ष के थे, जब उनकी माँ का निधन हो गया। उनका पालन-पोषण सगुनाबाई नामक एक दाई ने किया। ज्योतिबा फुले का विवाह साल 1840 में सावित्री बाई फुले से हुआ था। लेकिन काफी कोशिशों के बावजूद जब फुले दंपति को कोई संतान नहीं हुआ, तब उन्होंने एक विधवा के बच्चे को गोद ले लिया। 28 नवंबर 1890 में ज्योतिबा फुले का निधन हो गया।

 

 

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