NEWS PR DESK- हिन्दू पंचांग का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। पंचांग शब्द का अर्थ है , पांच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। आइए
21 अगस्त, गुरुवार, शक संवत्: 30 श्रावण (सौर) 1947, पंजाब पंचांग: 06,भाद्रपद मास प्रविष्टे 2082, इस्लाम: 26, सफर 1447, विक्रमी संवत्: भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी दोपहर 12.45 मिनट, चंद्रमा कर्क राशि में (दिन रात)। सूर्य दक्षिणायन। सूर्य उत्तर गोल। वर्षा ऋतु। दोपहर 01.30 मिनट से अपराह्न 03 बजे तक राहुकालम्। अघोरा चतुर्दशी। मास शिवरात्रि व्रत और भगवान श्री कृष्ण की छठी आज।
विजय मुहूर्त 02:34 पी एम से 03:26 पी एम
गोधूलि मुहूर्त 06:53 पी एम से 07:15 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 06:53 पी एम से 08:00 पी एम
अमृत काल 10:40 पी एम से 12:16 ए एम, अगस्त 23
निशिता मुहूर्त 12:02 ए एम, अगस्त 23 से 12:46 ए एम, अगस्त 23
आज के अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल 10:46 ए एम से 12:24 पी एम
यमगण्ड 03:39 पी एम से 05:16 पी एम
आडल योग 05:54 ए एम से 12:16 ए एम, अगस्त 23
दुर्मुहूर्त 08:30 ए एम से 09:22 ए एम
गुलिक काल 07:31 ए एम से 09:09 ए एम 12:50 पी एम से 01:42 पी एम
वर्ज्य 01:00 पी एम से 02:37 पी एम
गण्ड मूल पूरे दिन
बाण रज – 06:40 ए एम तक