NEWS PR DESK- हिन्दू पंचांग का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है। पंचांग शब्द का अर्थ है , पांच अंगो वाला। पंचांग में समय गणना के पांच अंग हैं- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। आइए
20 जुलाई, रविवार, शक संवत् : 29 आषाढ़ (सौर) 1947, पंजाब पंचांग : 05 श्रावण मास प्रविष्टे 2082, इस्लाम : 24 मुहर्रम, 1447, विक्रमी संवत्: श्रावण कृष्ण दशमी दोपहर 12.14 मिनट तक। रोहिणी नक्षत्र, गंड योग रात्रि 09.48 मिनट तक पश्चात वृद्धि योग, विष्टि (भद्रा) करण दोपहर 12.14 मिनट तक। चंद्रमा मेष राशि में प्रातः 06.12 मिनट तक उपरांत वृष राशि में। सूर्य दक्षिणायन। सूर्य उत्तर गोल। वर्षा ऋतु। सायं 04.30 मिनट से सायं 06 बजे तक राहुकालम्। भद्रा दोपहर 12.14 मिनट तक।
विजय मुहूर्त 02:45 पी एम से 03:39 पी एम
गोधूलि मुहूर्त 07:18 पी एम से 07:38 पी एम
सायाह्न सन्ध्या 07:19 पी एम से 08:21 पी एम
अमृत काल 08:39 पी एम से 10:08 पी एम
निशिता मुहूर्त 12:07 ए एम, जुलाई 21 से 12:48 ए एम, जुलाई 21
आज के अशुभ मुहूर्त-
राहुकाल 05:36 पी एम से 07:19 पी एम
यमगण्ड 12:27 पी एम से 02:10 पी एम
गुलिक काल 03:53 पी एम से 05:36 पी एम
विडाल योग 05:36 ए एम से 10:53 पी एम
वर्ज्य 11:45 ए एम से 01:14 पी एम
दुर्मुहूर्त 05:29 पी एम से 06:24 पी एम
बाण रज – 10:15 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
भद्रा 05:36 ए एम से 12:12 पी एम