रजत कुमार, संवाददात
पटना : कोरोना काल के दौरान बिहार में विधानसभा चुनाव और जिला परिषद के खाली पड़े सीटों पर होने वाले चुनाव से नाराज। जाप संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने सभी संवैधानिक विकल्पों को अपनाने का दावा किया हैं। पप्पू यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि। नीतीश कुमार को चुनाव कराने की बड़ी जल्दी है। वो दवाब डाल कर लोकतंत्र को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। जिसकी जिता-जागता नमूना है जिला परिषद की खाली पड़ी 12 सीटों पर मुखिया का चुनाव। जो अगस्त महीने में होने वाला है। यह फैसला पूरी तरह से आत्मघाती निर्णय है। इस फैसले को चुनाव आयोग को तुरंत स्थगित करना चाहिए।
इसके साथ ही पप्पू यादव ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा की आयोग, बिहार विधान सभा चुनाव के विषय में हस्तक्षेप करें, अन्यथा मैं इस मामलों को लेकर हाई कोर्ट जाऊंगा। इसके साथ ही पप्पू यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को समय पर कराने के लिए, जिला परिषद् और मुखिया का चुनाव एक बहाना है। आगामी बिहार विधान सभा के चुनाव को जबरदस्ती करवाने के लिए। बिहार की नीतीश सरकार तानाशाही की सारी सीमाएं तोड़ चुकी है। जब मात्र 30-40 प्रतिशत लोग वोट करेंगे और 60 फीसदी लोग वोट से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा।
वहीं पप्पू यादव ने एनडीए के सहयोगी राम विलास पासवान और चिराग पासवान को लेकर कहा कि कोरोना के कारण आगामी विधानसभा चुनाव स्थगित कर। बिहार में राष्ट्रपति शासन की वकालत की हैं। मैं राम विलास पासवान के निर्णय से सहमत हूँ। जन अधिकार पार्टी, हर परिस्थिति में कोरोना और बाढ़ के इस दौर में चुनाव करवाने के खिलाफ है। इसके साथ ही जन अधिकार पार्टी संरक्षक पप्पू यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग अपने फैसले से वापस नहीं होता है तो, इसके लिए चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ युद्ध स्तर पर कार्रवाई कर। जाप पूरे राज्य से इक्कठा कर 10 लाख पोस्टकार्ड निर्वाचन आयोग को भेजेंगी। ताकि चुनाव अभी नहीं करवाएं जाएं।