पश्चिम चंपारण में गंडक मचा रही है तबाही, दर्जनों गांवों में बाढ़, SSB कैंप में भी 3 फीट तक पानी

Patna Desk
पटना डेस्क:
खबर पश्चिमी चंपारण जिला के बगहा से जहां वाल्मीकिनगर क्षेत्र समेत पड़ोसी देश नेपाल के तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में बीते 3 दिनों से हो रही लगातार बारिश ने तबाही मचाया है। गंडक बराज के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। फ़िलहाल गंडक बराज 4 लाख 12 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

गंडक बराज से छोड़े गये पानी ने मचाई तबाही: गंडक बराज से बुधवार को छोड़े गए पानी के डिस्चार्ज से गंडक नदी के तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ आ गये हैं। चकदहवा, झंडू टोला, बीन टोला, कनहीं टोला के अलावा समीपवर्ती उत्तर प्रदेश के बसई गांव, शिवपुर, मरचहवा और गंडक पार के प्रखंडों में बाढ़ ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है।

SSB कैंप में करीब 3 फीट पानी : वाल्मीकिनगर थानाक्षेत्र के लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत अंतर्गत एसएसबी बी कंपनी की 21वीं वाहिनी के बीओपी झंडू टोला में भी गंडक का पानी प्रवेश कर गया है। इस बाबत झंडूटोला में तैनात एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट शंभू चरण मंडल ने बताया कि कैंप के अंदर लगभग 3 फीट पानी बह रहा है, साथ ही झंडू टोला के पास सभी टोला में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है


जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी : इससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है वहीं वन क्षेत्र से पास होने के कारण गांव में कीड़ों-मकोड़ों के प्रवेश की संभावना काफी बढ़ गई है,जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जो 4.12 लाख क्यूसेक जा पहुंचा है इससें वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों में पानी भर गया है।

घरों में घुसा बाढ़ का पानी : गंडक बराज के जलस्तर के बढ़ने के साथ ही गंडक नदी से सटे झंडू टोला, चकदहवा, बीन टोला आदि गांव में बाढ़ का पानी फिर प्रवेश कर गया है. जिससे लगभग एक हजार ग्रामीण घरों में पानी प्रवेश कर जाने के कारण विस्थापित का जीवन बांध पर गुजारने पर मजबूर हो गए हैं|

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