दावे हैं दावों का क्या। कुछ ऐसा ही हाल है, उन सरकारी दावों का, जिसमें हर साल पटना को जल जमाव से दूर रखने की बात कही जाती है। पिछले 1 महीने से भी अधिक वक्त से नगर विकास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद, जो खुद सरकार में उ पमुख्यमंत्री भी हैं, अपने अधिकारियों के साथ बरसात की तैयारियों को लेकर बैठक पर बैठक कर रहे थे। लेकिन इन बैठकों के बावजूद यास से हुई बारिश ने लोगों को आनेवाली बरसात को लेकर डरा दिया है।
शनिवार सुबह हुई तेज बारिश से इतना तो पक्का था कि पटना के निचले इलाकों का हाल सुबह नर्क जैसा हो जाएगा लेकिन यह किसी ने नहीं सोचा था कि पटना के रिहायशी इलाके भी जलजमाव की स्थिति से सुबह जूझते हुए दिखाई देंगे l लोजपा कार्यालय से एयरपोर्ट की तरफ जाने वाली सड़क का हाल सुबह काफी दयनीय था l सड़क पर आधे फुट तक पानी जमा हुआ था l आने जाने वाली गाड़ियों को पानी में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा था l सड़क के दोनों तरफ इस तरीके से जल जमाव होने के बाद राहगीरों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा l
हालांकि सरकार लगातार तैयारियां करने का दावा कर रही थी, लेकिन जैसे हीं पटना में बारिश होती है तब तैयारियों की भी पोल खुलती हुई दिखाई देती है l बारिश ने बरसात को लेकर नगर विकास विभाग और पटना नगर निगम की तैयारियों का सच सामने ला दिया है। महज कुछ घंटों की बारिश में पटना के ज्यादातर मुहल्लों की सड़क पर जल जमाव दिख रहा है। सबसे परेशान करनेवाली तस्वीरें तो पटना के निचले इलाकों जैसे राजेन्द्र नगर, नाला रोड और जक्कनपुर की हैं। ये वही इलाके हैं, जिनकी सड़कों पर बारिश में नावें तक चलानी पड़ती हैं।