बिहार: पटना के जिस इलाके में डिप्टी CM का फ्लैट, वहां के सरकारी अस्पताल में बंधती है गाय

Patna Desk

बिहार में कोरोना का संकट अभी थमा नहीं है, लोग बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था की फजीहत ऐसे ही हो रही है और अब इस बीच फिर से एक मामला सामने आया है. बिहार के सुशासन बाबू का सुशासन पूरी तरह से नंगा हो गया है. कोरोना के इस संकट में सरकार की तरफ से जो दावे किए जा रहे थे उसकी हवा निकल गई है. जिला से लेकर प्रखंड और पंचायत तक के अस्पताल अब तबेले में परिवर्तित हो रहे हैं. ऐसा हम नहीं बल्कि ये त्सवीर कह रही है. सुदूर देहात की बात तो छोड़िए ही…यहां तो राजधानी पटना का सरकारी अस्पताल ही तबेला बन गया है. और वो भी सरकार के नाक के नीचे.

बिहार: पटना के जिस इलाके में डिप्टी CM का फ्लैट, वहां के सरकारी अस्पताल में बंधती है गाय health center of bihar deputy cm renu devi residence patna seems just like cow

अस्पताल में आम लोगों का नहीं अब जानवरों का बसेरा है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि तबेला बना अस्पताल जिस मोहल्ले में है उसी के अगल-बगल में बिहार के डिप्टी सीएम का फ्लैट भी है.

बताते चलें कि बिहार में अस्पतालों की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के नाम पर हर साल करोड़ो-अरबों रुपए पानी की तरह बहाए जाते हैं. भवन निर्माण एवं संसाधन बढ़ाने के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बहाया जाता है. दावा किया जाता है कि इन पैसों के खर्च होने के बाद स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से पटरी पर आ जाएगी. लेकिन हकीकत इससे कोसो दूर है. पैसा खर्च तो कर दिया जाता है लेकिन व्यवस्था सिर्फ कागजों पर ही सुदृढ़ होती है और मरीजों को मंत्री-मुख्यमंत्री के भाषणों में इलाज हो जाता है. सूबे के बड़े अस्पतालों को छोड़ दें तो ग्रामीण इलाके या शहरी क्षेत्र के वार्ड में बने अस्पताल सुशासन राज में तबेला बन गए हैं, जहां आम मरीजों का इलाज नहीं बल्कि जानवरों का बसेरा होता है.

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सरकार के नाक के नीचे अस्पताल बना तबेला
दरअसल, पटना के रुकुनपुरा मोहल्ले में अवस्थित एक स्वास्थ्य केंद्र की तस्वीर देखकर आप भी चौंक जाएंगे. आप समझ जाएंगे कि सरकार की तरफ से जो दावे किए जाते हैं उसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं दिखती है. अधिकारी और मंत्री जो बातें कहते हैं वो विश्वास के लायक नहीं. डिप्टी सीएम का मोहल्ला रुकुनपुरा जो दानापुर विधानसभा क्षेत्र में आता है वहां एक सरकारी अस्पताल है. वह अस्पताल आज तबेला बना है. वहां अब जानवरों और आवारा पशुओं का बसेरा है. यहां इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है, न कोई स्टाफ, न डॉक्टर, खंडहर बना बिल्डिंग बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का मुंह चिढ़ा रहा. यहां सालों से स्वास्थ्यकर्मी के दर्शन नहीं हुए हैं.

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कई बार सरकार को जगाने की हुई कोशिश
रूकनपुरा की वार्ड की पार्षद मधु चौरसिया का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र को नियमित रूप से चालू कराने को लेकर उन्होंने कई बार प्रयास किया. हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला लेकिन चालू नहीं हो सका. उन्होंने एक बार फिर से सरकार से मांग की है कि रुकनपुरा के इस प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र को जल्द चालू कराया जाए. वहीं इस संबंध में पटना के सिविल सर्जन के बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

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