पाटलिपुत्र रेल यातायात सुविधा को लेकर हाई कोर्ट में फिर सुनवाई अधूरी, एनटीपीसी रोड से जोड़ने का है प्रस्ताव

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। यातायात सुविधा के लिए पाटलिपुत्र रेल स्टेशन को सभी ओर से जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण कार्य को लेकर पटना हाई कोर्ट में अपूर्ण सुनवाई हुई है कुछ समय पहले हाई कोर्ट में एनटीपीसी रोड से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने की योजना के सन्दर्भ मे लोकहित याचिका दायर की गई थी, जिसे लेकर आज फिर सुनवाई हुई है .

यह लोकहित याचिका मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सुनवाई के लिए मंगलवार को सूचीबद्ध थी. इस से पहले भी इस मामले को लेकर कई बार सुनवाई हो चुकी है.याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट में बताया गया कि इस योजना के सन्दर्भ में सभी संबंधित अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी. वहीँ इस सुनवाई में  पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को चारों ओर से जोड़ने की योजना पर विचार-विमर्श किया गया है. इस योज़ना को यात्रियों की सुविधा से जोड़ते हुए तैयार किया गया है. पटना के सभी इलाकों के रहने वाले यात्री आराम से इस स्टेशन तक पहुच सकें इसके लिए रोड-मैप तैयार किया गया है.

इस सड़क की लंबाई करीब 600 मीटर और चौड़ाई 22 मीटर होगी. वहीं इस सड़क को बनाने के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. सुनवाई के दौरान यह कहा गया कि पटना एम्स एलिवेटेड रोड को स्टेशन से जोड़ने तक कि योज़ना है. यदि यह सडकें जुडती हैं तो यात्रियों के लिए स्टेशन जाना आसन हो जाएगा. बता दें कि यह सड़क तीन अन्य सड़कों को जोड़ती हैं.

वहीं दानापुर और गोला रोड की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए नहर की सड़क को चौड़ा किये जाने और फुट ओवर ब्रिज बनाने की भी योजना है. याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया था लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.कोर्ट में यह बताया गया कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन पर रेलों का परिचालन काफी पहले ही प्रारंभ हो गया, लेकिन बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी हैं. रोड निर्माण कार्य शुरू न होने के कारण यात्रोयों को काफी समस्या होती है. ऑटो रिक्शा वाले मनमाना किराया वसूलते हैं. हालांकि इस मसले को लेकर कोर्ट में लम्बे समय से बात चल रही है, लेकिन अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है.

इस से पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने चारों ओर से पाटलिपुत्र स्टेशन को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण में होने वाले खर्च का ब्योरा अधिकारियों की टीम को देने का निर्देश दिया था. वहीं सुनवाई के वक़्त संबंधित अधिकारियों की टीम खर्च का ब्योरा और उसकी रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत नहीं कर पाए थे.

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