पटना से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानी रिश्तों की बुनियाद को झकझोर कर रख दिया। यहां एक मां ने अपने ही 11 साल के बेटे का अपहरण करवाया — वो भी अपने मायके की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए। यह चौंकाने वाली घटना ताराचक गांव की है, जहां रहने वाली अंजू देवी ने पति से पैसे ऐंठने की साजिश रच डाली और खुद ही अपने बच्चे की किडनैपिंग का ड्रामा तैयार किया।पुलिस के अनुसार, अंजू देवी ने अपने बेटे को चुपके से पटना सिटी में मौसी के घर भेज दिया और फिर पति सुनील मेहता — जो आटा-चावल का कारोबार करते हैं — को फोन कर 21 लाख रुपये की फिरौती मांगी। फोन एक अनजान नंबर से आया था, जिसमें धमकी दी गई कि “बेटा हमारे कब्जे में है, पैसे नहीं दिए तो अंजाम बुरा होगा।”
यह कॉल सुनकर सुनील मेहता घबरा गए और तुरंत दानापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई।मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी (पश्चिमी) भानु प्रताप सिंह के निर्देश पर एएसपी की अगुवाई में थानेदार प्रशांत भारद्वाज के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने तेजी से कॉल डिटेल्स और सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया — फोन की लोकेशन पटना सिटी की थी, जबकि अपहरण की सूचना दानापुर से दी गई थी।संदेह गहराने पर पुलिस ने दबिश दी और पूरा सच उजागर हो गया। पूछताछ में मौसी संजू देवी ने कबूल किया कि यह पूरा अपहरण अंजू देवी की ही चाल थी। अंजू ने अपने मायकेवालों की मदद से बेटे को मौसी के घर भेजा था। इसके बाद मामा रोविंस कुमार और पड़ोसी अनिल कुमार ने नया सिम खरीदकर पिता को फिरौती का कॉल किया।
साजिश का मकसद था पति से पैसे लेकर मायके की गरीबी दूर करना। अंजू को भरोसा था कि पति बेटे की जान बचाने के लिए बिना कुछ सोचे रुपये दे देगा, और वह रकम अपने मायकेवालों में बांट देगी।लेकिन किस्मत ने उसका खेल पलट दिया। महज़ छह घंटे की तेज़ कार्रवाई में पुलिस ने बच्चे को पटना सिटी के आलमगंज इलाके से सकुशल बरामद कर लिया। अब पुलिस ने अंजू देवी, उसकी बहन संजू देवी, बहनोई पंकज कुमार, भाई रोविंस कुमार और पड़ोसी अनिल कुमार — पांचों को गिरफ्तार कर लिया है।सिटी एसपी भानु प्रताप सिंह के शब्दों में — “यह मामला सिर्फ लालच की कहानी नहीं है, बल्कि यह रिश्तों के भरोसे पर सबसे बड़ा धोखा है।”