पटना में जदयू कार्यालय की दीवारों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगने के बाद सियासी हलकों में हलचल तेज हो गई है। यह पहला मौका है जब पार्टी मुख्यालय पर पीएम मोदी की तस्वीरें आधिकारिक रूप से सीएम नीतीश के साथ लगाई गई हैं। इसे लेकर विपक्षी दलों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
राजद ने इस घटनाक्रम को भाजपा की “नीतीश को धीरे-धीरे सियासी हाशिए पर ले जाने की रणनीति” बताया है। वहीं, जदयू ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह “स्वाभाविक” करार दिया है।
जदयू का जवाब: गठबंधन की मजबूती का प्रतीक
जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय चौधरी ने तस्वीरों को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों एनडीए का चेहरा हैं। दोनों की तस्वीर साथ होना न तो नया है, न ही असामान्य। गठबंधन एकजुट और मजबूत है, और यही बात पोस्टर के जरिए जाहिर हो रही है।”
उन्होंने आगे कहा कि तस्वीर लगना एक संयोग हो सकता है, लेकिन विपक्ष इससे बौखला गया है क्योंकि जनता के बीच भी दोनों नेताओं की स्वीकार्यता बनी हुई है।
विपक्ष के बंद पर निशाना
वोटर लिस्ट के गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया को लेकर CPI-ML द्वारा बुलाए गए बिहार बंद पर भी विजय चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और इसमें किसी तरह का भ्रम नहीं फैलाना चाहिए।
“राजनीतिक दल बंद का आह्वान कर सकते हैं, लेकिन इसे मतदाता विरोधी साजिश बताना गलत है। सभी दलों को सहयोग करना चाहिए, न कि इसमें राजनीति करनी चाहिए,” – विजय चौधरी ने कहा।